बीकानेर,भारतवर्ष में मकर सक्रांति का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। जयपुर एवं आसपास के क्षेत्र में इस पर्व पर पतंगबाजी भी की जाती है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार प्रतिवर्ष रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी के चलते कई लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल में लगभग सभी रेल खंडों पर विद्युत कर्षण पर रेलगाड़ियां संचालित की जा रही है। रेलवे ट्रैक के ऊपर गुजर रही विद्युत तारों में 25 हजार वोल्ट की विधुत का प्रवाह रहता है। इन तारों से पतंग की डोर के संपर्क में आ जाने पर तेज विद्युत का करंट लग सकता है। विशेषकर धातु युक्त मांझे से यह करंट तीव्र गति से झटका पहुंचा सकता है, जो कि जानलेवा भी हो सकता है। साथ ही रेलवे ट्रैक पर गुजर रही तीव्र रेलगाड़ियों से आप दुर्घटना का शिकार भी हो सकते हैं। रेलवे प्रशासन आम लोगों से अपील करता है कि पतंगबाजी के लिए रेलवे ट्रैक एवं रेलवे परिसरों से दूर रहें।
रेलवे ट्रैक को अनाधिकृत स्थानों से पार करना रेल अधिनियम 1989 की धारा 147 के अनुसार दंडनीय अपराध भी है, इसके लिए आपको 1000 रुपए तक के आर्थिक दंड अथवा 6 माह का कारावास या दोनो से एक साथ दंडित किया जा सकता है।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि महाप्रबंधक श्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार सक्रांति पर्व को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल एवं संरक्षा विभाग द्वारा रेलवे ट्रैक के आसपास विशेष अभियान चलाकर लोगों को समझाइश की जा रही है एवं उल्लंघन करने पर लोगों को दंडित भी किया जा रहा है। इसी के साथ रेलवे प्रशासन द्वारा FM, टीवी चैनलों के माध्यम से इस विषय पर जागरूकता हेतु विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो।
रेलवे प्रशासन सभी लोगों, विशेषकर अभिभावकों से अपील करता है कि अपने बच्चों को रेलवे ट्रैक से दूर रखें। सतर्क रहें– सुरक्षित रहें।