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बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ की वरिष्ठ साध्वीश्री, सज्जनमणि, प्रवर्तिनी शशि प्रभा म.सा. के सान्निध्य में गंगाशहर रोड की श्री पाश्र्वचन्द्र सूरि गच्छीय दादाबाड़ी में चल रहे आठ दिवसीय (अष्टान्हिका) महोत्सव बुधवार को सुकृत अनुमोदनार्थ महोत्सव व दादा गुरुदेव की पूजा के बाद हुआ।
साध्वीजी शशिप्रभा म.सा. ने सुकृृत अनुमोदनार्थ महोत्सव में महोत्सव के प्रमुख संघवी वरिष्ठ श्रावक राजेन्द्र व श्राविका शशि लूणियां, वर्षीतप साधक श्रीकृृष्णा व अंजू लूणियां, आंध्रप्रदेश के गौरव व ऋचा धूपिया व अनुपम लूणियां के साथ बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं को जीवदया में विसर्जन करने, रात्रि भोजन व जमीकंद का त्याग करने का संकल्प दिलवाया। उन्होंने आगम के मंत्रों की व्याख्या करते हुए कहा कि श्रावक-श्राविका 12 व्रत व 14 नियमों का पालन करते हुए भू्रण हत्या, पचेन्द्रीय जीव,वनस्पति, वायु,जल व पृृथ्वीकाय जीवों हिंसा नहीं करें। सुकृृत कृृत्यों की अनुमोदना करें तथा अकरणीय कर्म नहीं करें तथा पापों से बचें तथा पुण्यों का सृृजन करें।
साध्वीजी ने कहा कि धन, सम्पति, कुटुम्ब व परिवार के प्रति अत्यधिक मोह, ममत्व व आसक्ति का त्याग करें। मोह व आसक्ति कर्म बंधन के प्रमुख कारण है। मन, वचन व काया से पापों की आलोचना करते हुए उनका त्याग करें। गलत नहीं करें, गलत नहीं सोचे, ना ही गलत कार्यों की अनुमोदना करें । मन को मजबूत रखते हुए पापोदय के कार्यों से बचे तथा पुण्य अर्जन करने वाले कर्म करें ।
साध्वीजी ने कहा कि अनंता अनंत जीवों को अभयदान देने व पाप कर्मों से बचने से जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। जाने-अन्जाने में हुए पापों की आलोचना व पाश्चाताप करें। देव, गुरु व धर्म की भक्ति श्रद्धा व विश्वास के साथ करते हुए वीतराग परमात्मा के मार्ग पर चलें। गलत व पापजनित कार्यों के प्रति सचेष्ट व सजग रहें। इस अवसर पर साध्वीश्री दिव्य दर्शना, संयम प्रज्ञा, अनंत दर्शना, सत्वबोधि व जागृृत दर्शना ने सभी तरह के पापों की आलोचना करवाई। साध्वीश्री जागृृत दर्शना की तपस्या की अनुमोदना की गई। संघवी राजेन्द्र लूणियां व शशि लूणियां तथा गौरव व ऋचा धूपिया की शादी की वर्षगांठ सादगी, तप व त्याग के साथ धार्मिक भावना के साथ मनाई गई।
गुरु इकतीसा का सामूहिक जाप 9 को
साध्वीजी शशि प्रभा म.सा के सान्निध्य में उदयरामसर दादाबाड़ी में 9 मई सोमवार को दादा गुरुदेव का इकतीसा का सामूहिक पाठ सुबह छह बजे से करीब ग्यारह बजे तक होगा। श्रावक-श्राविकाओं के लिए परिवहन की सुविधा पुरानी जेल रोड से रखी गई है।

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