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बीकानेर.शुष्क क्षेत्र में उष्ट्र पालन का व्यवसाय, इको फ्रेंडली डवलपमेंट को बनाए रखने में महत्ती भूमिका निभाता है। उष्ट्र प्रजाति से प्रतिबद्ध रूप से जुड़े इस केन्द्र के कैमल इको. टूरिज्म के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास उष्ट्र प्रजाति के विकास एवं संरक्षण के दृष्टिकोण से निश्चित रूप से विशेष महत्वपूर्ण है। ये विचार राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र की कार विशिष्ट कमेटी के चैयरमैन डॉ.आरके सिंह ने व्यक्त किए। इस अवसर पर डॉ. सिंह सेल्फी स्थलों का लोकार्पण किया। केन्द्र के निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि राजकीय पशु ऊँट से जुड़ा यह अनुसंधान केन्द्र अपनी वैश्विक पहचान रखता है तथा इसमें पर्यटन का भी विशेष योगदान है। केन्द्र के परिवर्तित अधिदेशों में उष्ट पारिस्थितिकी पर्यटन (इको टूरिज्म) शामिल होने पर एनआरसीसी इस ओर विशेष रूप से प्रयत्नशील है। केन्द्र में डॉ. सिंह एवं समिति के अन्य सदस्यों ने पौधरोपण किया।

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