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 जयपुर। प्रदेश में फिलहाल बिजली दर में बढ़ोत्तरी नहीं होगी और न ही फिक्स चार्ज बढ़ेगा। राजस्थान राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने डिस्कॉम के फिक्स चार्ज बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसके पीछे कोविड का प्रभाव, फिक्स चार्ज से संभावित व्यवहारिक कठिनाई और राजस्व अंतराल का हवाला दिया गया है। लेकिन बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं (125 केवीए से ज्यादा) पर 5 प्रतिशत सरचार्ज लगाया गया है। सुबह 6 से 10 बजे तक औद्योगिक इकाई संचालित होती है तो वे इस दायरे में आएंगे। आयोग ने बुधवार को टैरिफ ऑर्ड जारी कर दिया।
आयोग ने मौजूदा प्रावधान
नियम के तहत आकलन किया और माना कि इसमें डिस्कॉम्स की अक्षमता मुख्य कारण रही। साथ ही राज्य उत्पादन निगम की रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) को राज्य सरकार ने नहीं माना। इस तरह से आयोग ने उलटे 750 करोड़ रुपए सरप्लस माना। इसमें जयपुर और अजमेर को सरप्लस और जोधपुर में कुछ घाटे का आकलन किया गया।
इन्हें राहत— धर्मशलाओं में घरेलू दर, सिलिकोसिस पीडि़त अब बीपीएल श्रेणी में..
1. घरेलू-अघरेलू, सार्वजनिक स्ट्रीट लाइट, कृषि, सभी उद्योग, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन सहित सभी श्रेणियों में दर नहीं बढ़ेगी।
2. सार्वजनिक पूजा स्थल परिसर स्थित धर्मशालाओं में घरेलू विद्युत दर ही लगेगी। अभी कॉमर्शियल दर से बिल भेजे जा रहे थे।
3. सिलिकोसिस पीडितों को बीपीएल श्रेणी में शामिल किया गया है और उन्हें भी उसी दर पर बिजली मिलेगी। आयोग ने इसके लिए राजस्थान न्यूमोकोनियोसिस नीति 2019 का हवाला दिया है। नीति के तहत सिलिकोसिस पीडित आस्था कार्ड के लिए पात्र हैं। आस्था कार्डधारियों को बीपीएल श्रेणी में ही है।

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