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राजस्थान में भीषण गर्मी के दौर में जल्द ही अघोषित बिजली कटौती शुरू होगी। इसकी वजह है बिजली की खपत पिछले साल से 6 करोड़ यूनिट रोज बढ़ गई है। अप्रैल 2021 में जहां 19 करोड़ 90 लाख यूनिट से रोज काम चल रहा था। इस साल यह डिमांड बढ़कर 25 करोड़ 84 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई, जबकि सप्लाई 25 करोड़ 32 लाख यूनिट ही हो रही है।

डिस्कॉम अधिकारियों की मानें तो पावर प्लांट्स की 5 यूनिट्स बंद हैं, जिससे प्रोडक्शन कम हो रहा है। बिजली की किल्लत के बीच लोड शेडिंग के नाम पर अघोषित बिजली कटौती प्रदेशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है। तेज गर्मी और लू के दौर में एसी, कूलर, पंखे, कूलिंग प्लांट्स के साथ सिंचाई के लिए बिजली की डिमांड ज्यादा बढ़ी है। ट्रिपिंग और फाल्ट के मामले भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में 2 से 4 घंटे तक बत्ती गुल से लोग परेशान हो रहे हैं। बिजली कटौती के लिए कंपनियां लोड शेडिंग का सहारा ले रही है।

बिजली कटौती के निर्देश नहीं निकाले
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के MD अजीत कुमार सक्सेना ने दैनिक भास्कर से बताया कि अकेले जयपुर डिस्कॉम की बात करें तो 12 अप्रैल 2022 को 10 करोड़ 60 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई है। जबकि पिछले साल 12 अप्रैल 2021 को 8 करोड़ 48 लाख यूनिट बिजली खपत रही थी। 2 करोड़ 12 लाख यूनिट बिजली की प्रतिदिन खपत बढ़ गई है। उत्पादन निगम की कुछ यूनिट्स बंद चल रही है। जिसके कारण बिजली की उपलब्धता कुछ कम चल रही है। बिजली कटौती का कोई निर्देश नहीं दिया गया है। इससे संबंधित सारे निर्देश ऊर्जा विकास निगम देता है।

JVVNL के MD अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि अकेले जयपुर डिस्कॉम की बात करें तो 12 अप्रैल 2022 को 10 करोड़ 60 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई है। जबकि पिछले साल 12 अप्रैल 2021 को 8 करोड़ 48 लाख यूनिट बिजली खपत रही थी।
JVVNL के MD अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि अकेले जयपुर डिस्कॉम की बात करें तो 12 अप्रैल 2022 को 10 करोड़ 60 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई है। जबकि पिछले साल 12 अप्रैल 2021 को 8 करोड़ 48 लाख यूनिट बिजली खपत रही थी।

अब प्लानिंग के साथ शटडाउन की तैयारी
डिस्कॉम सूत्रों के मुताबिक लोड शेडिंग बढ़ा दी गई है। अब प्लानिंग के साथ शटडाउन लेने की भी तैयारी है। ग्रामीण के साथ शहरी इलाकों के लिए भी शटडाउन का शेड्यूल जारी किया जाएगा। शटडाउन लेकर फिर घोषित रूप से बिजली कटौती की जाएगी। माना जा रहा है कि शहरी क्षेत्रों में सुबह 10 से दोपहर 2 बजे और दोपहर 2 से 4 बजे तक बिजली कटौती की जा सकती है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुबह और दोपहर के वक्त बिजली कटौती की जा सकती है।

तीनों डिस्कॉम एरिया में लोड शेडिंग के नाम पर बिजली कटौती
12 अप्रैल तक के आंकड़े बताते हैं कि जयपुर, जोधपुर और अजमेर तीनों डिस्कॉम ने जमकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की है। प्रसारण निगम की ओर से जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र में सुबह 8 से शाम 4 बजे तक 33 केवी के 22 फीडरों को आधा घंटे से कम समय के लिए बंद रखकर लोड शेडिंग करने को कहा गया। 11 फीडर सुबह 5 से 8 बजे तक बंद करने, 4 फीडर शाम 4 से 8 बजे तक बंद रखने, 3 फीडर रात 8 बजे से 12 बजे तक बंद रखने, जबकि 15 फीडर सुबह 5 से 8 बजे तक आधा घंटे से ज्यादा वक्त तक बंद करने के निर्देश निकाले गए हैं।

तीनों डिस्कॉम में ग्रामीण फीडर्स में लोड शेडिंग
– अजमेर डिस्कॉम में ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 5 से 8 बजे तक बंद रखने, रात 8 से 12 बजे तक 2 फीडर आधा घंटे से कम समय के लिए बंद रखने की सलाह दी गई है।
– जोधपुर डिस्कॉम में ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 5 से 8 बजे तक 12 फीडर, 8 से शाम 4 बजे तक 16 फीडर, शाम 4 से 8 बजे तक 7 फीडर और रात 8 से 12 बजे तक 4 फीडर आधा घंटे बंद रखने की सलाह जारी की गई है।

क्या होती है लोड शेडिंग ?
लोड शेडिंग का मतलब डिस्कॉम क्षेत्र के फीडर को रोटेट करके चलाया जाता है। जब डिस्कॉम कंपनियां जरूरत और डिमांड के हिसाब से बिजली सप्लाई नहीं कर पाती है, तो जितने फीडर हैं उन्हें घंटों के अनुसार बांटकर चलाया जाता है। बहुत से फीडर इस दौरान बंद किए जाते हैं। बिजली किल्लत की स्थिति से निपटने के लिए निश्चित समय पर कई फीडर्स की बिजली सप्लाई बाधित हो जाती है। लोड शेडिंग को कभी-कभी रोलिंग ब्लैकआउट के रूप में जाना जाता है। हालांकि ब्लैकआउट आमतौर पर अनप्लांड होते हैं। इसका असर यह होता है कि कई इलाकों में बत्ती गुल हो जाती है।

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