बीकानेर,राजस्थान के विद्युत उपभोक्ताओं को अब 7438 करोड़ रुपए का करंट लगेगा. अडानी पावर के चर्चित कोयला भुगतान मामले में राजस्थान सरकार के अधीन बिजली वितरण कंपनी डिस्कॉम्स अब उपभोक्ताओं से 5 साल तक 7 पैसे प्रति यूनिट और वसूलेंगी. यह वसूली संभवत: अगले माह की बिलिंग से शुरू होगी. इसका सीधा असर 1.47 करोड़ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. गंभीर बात यह है कि इस रकम में 4390 करोड़ रुपए केवल ब्याज ही है, जिसके लिए जिम्मेदार अफसर हैं. राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने डिस्कॉम्स की याचिका पर यह आदेश दिया है. गौरतलब है कि डिस्कॉम्स इससे पहले 2884.77 करोड़ रुपए का बोझ जनता पर डाल चुके हैं. यह राशि पांच पैसे प्रति यूनिट के आधार पर तीन साल तक वसूली गई. इस मामले में डिस्कॉम अधिकारी भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि उन पर न्यायालय में पुख्ता तरीके से डिस्कॉम का पक्ष नहीं रखने का आरोप लगता रहा है जिसकी वजह से अडानी पावर को यह राशि चुकानी पड़ी.
कब बड़ा सवाल यह है कि करोड़ों रुपए जनता से वसूले जा रहे हैं, लेकिन सरकार मौन है. ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ एक्शन नहीं किया. क्या सरकार राशि स्वयं वहन नहीं कर सकती या फिर उपभोक्ताओं पर बोझ डालना जरूरी है?
डिस्कॉम्स ने इस रोकड़ की वसूली फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट के रूप में करने के लिए याचिका दायर की. इस प्रक्रिया में जनता की आपत्ति-सुझाव लेने की जरूरत नहीं होती है जबकि, टैरिफ के जरिए राशि बढ़ाने का प्रस्ताव होता तो जनता की आपत्ति सुननी जरूरी होती. इसमें सुप्रीम कोर्ट में डिस्कॉम स्तर पर की गई प्रक्रिया का खुलासा होता. सरकार पर भी कम से कम राशि वसूलने का दबाव रहता. डिस्कॉम ने इससे बचने के लिए फ्यूल सरचार्ज का रास्ता अपनाकर आपत्तियों से बचाव कर लिया.
डिस्कॉम्स और अडानी पावर राजस्थान लि.के बीच बिजली खरीद का अनुबंध है. कंपनी ने राजस्थान के कवई में 1320 मेगावाट क्षमता का बिजली उत्पादन प्लांट लगाया हुआ है. यहां से डिस्कॉम्स को बिजली सप्लाई की जा रही है. कंपनी ने बिजली उत्पादन के लिए इंडोनेशिया से कोयला मंगवाया. इसके लिए कंपनी ने अतिरिक्त भुगतान किया और राशि डिस्कॉम्स से मांगी. डिस्कॉम्स ने तर्क दिया कि अनुबंध में अतिरिक्त राशि का भुगतान का प्रावधान नहीं है. इसके खिलाफ कंपनी विद्युत विनियामक आयोग, हाइकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डिस्कॉम्स ने कुछ माह पहले ही अडानी पावर को 5996.44 करोड़ रुपए चुकाए. इसमें 3048.64 करोड़ रुपए मूल राशि और 2947.81 करोड़ रुपए ब्याज (कैरिंग चार्ज) शामिल है. इसे चुकाने के लिए डिस्कॉम्स ने लोन लिया. अब उस लोन की ब्याज राशि 1442.18 करोड़ रुपए का भार भी उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है. इससे पहले 2884.77 करोड़ रुपए अडानी पावर को चुकाए गए. इसमें 2426.81 करोड़ रुपए मूल राशि और 420.96 करोड़ रुपए कैरिंग चार्ज ह. इस तरह अडानी पावर को 10286.40 करोड़ रुपए चुकाए गए. इसमें ब्याज का बोझ ही 4810.95 करोड़ रुपए है.