जयपुर-प्रदेश में आम उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में जल्द ही बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस संबंध में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से राजस्थान राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की गई है।इसमें बिजली के स्थाई शुल्क में बढ़ोतरी के साथ ही प्रति यूनिट बिजली की दरों में भी करीब दो फीसदी तक की बढ़ोतरी किए जाने का निवेदन किया गया है। प्रदेश की जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक राजस्व याचिका दायर की गई है। इस याचिका में आगामी राजस्व घाटे को देखते हुए बिजली के स्थाई शुल्क और प्रति यूनिट ऊर्जा शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है।
हितधारक ने मांगी थी जानकारी: बिजली कंपनियों की ओर से वर्तमान वित्तीय वर्ष में बिजली की दरों को लेकर किए जाने वाले प्रस्तावित परिवर्तन को लेकर हितधारक समता पावर के निदेशक बीएम सनाढ्य की ओर से वितरण कंपनियों से जानकारी मांगी गई थी।
आज होगी सुनवाई
तीनो कंपनियों की ओर से दायर याचिका पर मंगलवार को राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई होगी। इस सुनवाई में तमाम आपत्तियों पर विचार विमर्श, याचिकाकर्ता और आपत्तिकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद निर्णय किया जाना प्रस्तावित है।
इतना हो रहा घाटा
याचिका में तीनो वितरण कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 वित्तीय घाटा या राजस्व का अंतर 4582 करोड़ रुपए और वर्ष 2022-23 वित्तीय या राजस्व का अंतर 4861 करोड़ रुपए बताया गया है। दोनों सालों में कंपनियों का कुल घाटा 9443 करोड़ रुपए रहेगा।
इतनी हो सकती है बढ़ोतरी
प्रदेश में विद्युत कंपनियों की ओर से कृषि, घरेलू, अघरेलू, उद्योग श्रेणियों के लिए अलग-अलग प्रति यूनिट का टैरिफ जारी किया हुआ है। इस टैरिफ में दो फीसदी उर्जा शुल्क की बढ़ोतरी से प्रति यूनिट बिजली में 15 से तीस पैसे तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
वितरण कंपनी का जवाब
वितरण कंपनी की ओर से जवाब में स्पष्ट किया गया है कि वित्तीय वर्ष 22 और वर्ष 23 के लिए बिजली खरीद की मात्रा निकालने के उद्देश्य से नवंबर 21 तक की बिजली की खरीद का विशलेषण कर अनुमान लगाया गया है। बिजली खरीद की लागत के आकलन के लिए पिछले कुछ वर्षों में हुई वास्तिवक वृद्धि पर विचार करते हुए निश्चित शुल्क के साथ-साथ प्रतियूनिट उर्जा शुल्क में दो फीसदी की मामूली वृद्धि के लिए आयोग के समक्ष रखा गया है।