बीकानेर। चचेरी बहिन को डेंगू होने की आशंका से चिंतित बड़ी बहिन की तबीयत बिगड़ गई। उसे परिजन पीबीएम अस्पताल ले गए। दो दिन तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद आखिरकार सोमवार रात को उसका दम टूट गया।
सुजानदेसर निवासी पप्पूराम की १९ वर्षीय बेटी शिवानी को दो-तीन दिन से बुखार आ रहा था। चिकित्सक को दिखाया तब डेंगू की आशंका जताई। उसकी जांच में प्लेटलेट्स काफी कम आ गए। चिकित्सक ने शिवानी की हालत को देखते हुए तुरंत भर्ती कराने की हिदायत दी। तब शिवानी के साथ चिकित्सक के पास गए व्यक्ति ने घर पर शिवानी को डेंगू होने की आशंक जताई और बताया कि प्लेटलेट्स काफी कम आ गए हैं। चिकित्सक ने उसे भर्ती कराने की सलाह दी है। शिवानी को डेंगू होने आशंका के बारे में चाचा पवन कुमार की लड़की राजश्री उर्फ भानू (१९) को लगी तो वह गश खाकर गिर गई। परिजन उसे पीबीएम अस्पताल ले गए। अस्पताल में दो दिन भर्ती रहने के दौरान सोमवार देररात को उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
घर में छाया मातम
भानू की सोमवार देररात को मौत हो गई। अस्पताल में मौजूद परिजनों ने यह खबर सुबह घर पर दी। भानू की मौत की खबर सुनकर घर में कोहराम मच गया। मां व पिता को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि भानू उन्हें छोड़कर चली गई। मां तो बार-बार यही कहती रही कि भानू को कुछ नहीं हो सकता। वह अस्पताल में ही है। सब झूठ बोल रहे हैं लेकिन जब भानू का शव घर पहुंचा तो वह उसका शव देखकर बिफर पड़ी। घर परिवार की महिलाएं भानू की मां को पुरुष पिता को संभाल रहे थे।
भाई की होने वाली थी शादी
रिश्तेदार किशन टाक के मुताबिक भानू के ताऊ के लड़के की देव उठनी ग्यारह तक शादी होने वाली है। शादी की तैयारियां शुरू हो चुकी थी। भानू ने भाई की शादी को लेकर बहुत कुछ प्लानिंग कर रखी थी लेकिन भगवान ने भानू के लिए कुछ और ही सोच रखा था। अब भानू तो नहीं लेकिन उसकी यादें जरूर रह गई। वह पढऩे में बहुत होशियार थी। वह अपनी मां की दुलारी थी तो पिता की परी थी। बेटी की मौत से भानू के पिता टूट गए। शाम को जब पवन कुमार काम से थका हारा घर आता तो बेटी का हंसता चेहरा देख उसकी थकान दूर हो जाती थी। बेटी की मौत की खबर के बाद पवन कुमार बेसुध-सा हो गया है।