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बीकानेर मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान के तत्वावधान मे और देवकिशन चांडक देवश्री के संयोजन मे बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज और संत मनुजी महाराज के सानिध्य मे बालसंत के एक लाख पौधावितरण अभियान के तहत पर्यावरण संवर्धन संरक्षण निमित् श्रीमद्भागवत कथा वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज द्वारा श्री पाराशर भवन मे सप्ताह वाचन जारी हे ..कथा के पंचम दिवस पं गोतम उपाध्याय नितेश आसदेव कुनाल पारीक कान्हा सहित पांच पन्ङितों द्वारा आज शेखर पेङिवाल दिपिका पेङिवाल ने सपत्नीक भागवत पुराण का पुजन विधि-विधान से करवाया..संस्थान संयोजक मनुजी महाराज ने बताया…..तत्पश्चात भगवान कृष्ण के जन्म की विस्तृत कथा बतलाते हुए बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज ने वसुदेव द्वारा कृष्ण को गोकुल पंहुचाने की कथा तत्पश्चात गोकुल नगरी में नंदबाबा के द्वारा कृष्ण के नामकरण के पश्चात नंद गांव में भव्य नंदोत्सव मनाने की कथा प्रसंग की विस्तृत व्याख्या की…. तत्पश्चात भगवान की बाल लीलाएं माखनचोरी लीला शकटभंजन पूतना राक्षसी के उद्धार की कथा और भगवान द्वारा गैया चराने की लीला कथा प्रसंग के साथ अघासुर बकासुर वध अनेका अनेक राक्षसों दैत्यों और कालिया नाग के उद्धार की कथा प्रसंग की कथा बतलाई… बालसंत ने बताया.. कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओ के माध्यम संघर्ष एव कर्तव्यनिष्ठा और कर्म प्रधानता की शिक्षा देने का संदेश बतलाया… की जो परमात्मा होते हुए भी संसार के जीवन को सदैव कर्म और संघर्ष से सामना करने की प्रेरणा देते हुए अनेक ऐसी लीलाएं भगवान कृष्ण द्वारा की गई …जिससे यह लगता है… कि भगवान बाल्यकाल से लेकर परलोक गमन तक सदैव संघर्षों का सामना करने के पश्चात भी कभी हिम्मत नहीं हारे… ऐसे ही संसारी जीव को सदैव दुखों से और कठिनाईयों से सामना करने के लिए आत्म बल और हिम्मत से काम लेना चाहिए…. कभी भी जीवन में निराश नहीं होना चाहिए…और सदैव कर्तव्य निष्ठा से आगे बढ़ते हुए संसार में सदैव सत्कर्म करते रहना चाहिए…हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार ने बताया कि कल भगवान कृष्ण और रुक्मणी विवाह उत्सव के रूप मे मनाया जायेगा…कथा मुख्य यजमान और संरक्षक देवकिशन चांडक देवश्री प्रेमलता चांडक के द्वारा माखन मिश्री का भोग लगाकर दोपहर मे गिरिराज धरण की लीला प्रसंग के साथ 56 छप्पन भोग का प्रसाद चढाया गया…..नंद घर आनंद भयो जय यशोदा लाल की के उद्घोषों से कथा स्थल पर भव्य नंदोत्सव धुमधाम से मनाया गया… गिरिराज धरण की लीला के माध्यम से भगवान ने बताया की किस प्रकार इंद्र का अहंकार का दमन किया गया… बाल संत ने गिरिराज मे इन्द्र के कुपित होने की कथा प्रसंग में बतलाया… कि व्यक्ति को जीवन में कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए… क्योंकि जीवन में प्रत्येक प्राणी के पतन का मूल कारण उसका अहंकार ही माना गया है…संगीत विजय पारीक और मनोज भादाणी का रहा..मनु महाराज ने बताया… कि देवश्री चांडक द्वारा “पर्यावरण संदेश के साथ तीन दिन निरंतर कथा मे पेङों के प्रसाद के साथ 300 पौधों का वितरण श्रदालुभक्तों को पर्यावरण संवर्धन के भागवत कथा मे किया गया….. भागवत दर्शन मे पंहुचे विशिष्ट आतिथि छःन्याति ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष भंवरलाल व्यास और उधोगपति राजाराम धारणिया ने व्यास पीठ से बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया… और राजाराम धारणिया ने बालसंत की एक लाख पौधावितरण अभियान मे 21000 की राशि समाजसेवी शेखर पेड़ीवाल ने ₹3000 की राशि पौधावितरण सेवाकार्य मे अर्पण की…कथा मे महिला हुनर प्रशिक्षण केंद्र के डायरेक्टर रेशमा वर्मा एवं साथ में पधारी 10 महिला मातृशक्ति ने पर्यावरण सेवा कार्य हेतु बालसंत का व्यास पीठ पर शॉल ओढ़ाकर श्रीफल देकर और मेडल पहनाकर भव्य अभिनंदन किया… तत्पश्चात भागवत कथा स्थल पर आज भी सैकड़ों तथा श्रद्धालु भक्तों को वितरण किए गए मनुजी महाराज ने बताया…कि नित्य प्रतिदिन गौसेवा मे सेवाश्रम समाजसेवी प्रेमलता देवकिशन चांडक देवश्री मदनमोहन मल्ल बालसंत ओर देवश्री चांडक द्वारा नित्य गोसेवा कार्य के साथ गोशाला मे भी नित्य पोध वितरण किया जाता है… हरिकिशन नागल ने बताया… कि कथा व्यवस्था हेतु मदनमोहन मल्ल विनोद मोदी नारायण सोनी प्रथ्वीसिंह पंवार कान्हा छङिया गोरव पारीक अभिषेक मंन्त्री कुनाल पारीक नितेश आसदेव हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार आनंद गहलोत ममता आसदेव रेशमा वर्मा सीमा पुरोहित आदि कथा व्यवस्था मे की समिति भी बनाई गयी है…

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