Trending Now












बीकानेर, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष श्री शिवराज छंगाणी ने कहा कि देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थानी बोलने और समझने वाले करोड़ों लोग हैं। अकादमी द्वारा विभिन्न माध्यमों से इन तक पहुंचने के प्रयास किए जाएंगे।
श्री छंगाणी ने राजस्थानी साफा, पाग-पगड़ी एवं कला-संस्कृति संस्थान द्वारा बुधवार देर शाम आयोजित सम्मान समारोह के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के उन्नयन के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। अकादमी की मासिक पत्रिका ‘जागती जोत’ को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी, दुनिया की समृद्ध भाषाओं में शामिल है। इसका लिखित साहित्य इसकी सबसे बड़ी विरासत है। अकादमी का प्रयास रहेगा कि विभिन्न माध्यमों से देश और दुनिया के करोड़ों भाषा प्रेमियों तक इन खूबियों को पहुंचाया जा सके।
सहायक निदेशक (जनसंपर्क) हरि शंकर आचार्य ने कहा कि राजस्थानी साहित्य सृजन में नए लेखकों का आना अच्छे संकेत हैं। इसे भावी पीढ़ी तक भाषा एवं साहित्य को पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को सूचना प्रौद्योगिकी के दौर का लाभ भी मिला है। आज सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से राजस्थानी वैश्विक फलक तक पहुंच रही है।
राजकीय डूंगर महाविद्यालय के राजस्थानी के व्याख्याता डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने कहा कि श्री छंगाणी ने आजीवन राजस्थानी भाषा की सेवा की है। इनके गीत राजस्थान की सतरंगी छटा के बिंब हैं। श्री छंगाणी ने साहित्य की प्रत्येक विधा में भरपूर सृजन किया है। अकादमी अध्यक्ष के रूप में इनके मनोनयन से साहित्य जगत और बीकानेर का मान बढ़ा है।
राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति से जुड़े श्याम किराडू ने कहा कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए सतत प्रयास किए जाएं। पार्षद दुर्गादास छंगाणी ने बीकानेर से पहली बार अकादमी अध्यक्ष मनोनीत करने पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और कला-संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला का आभार जताया। इस दौरान घनश्याम छंगाणी, महेन्द्र जोशी, नवरत्न जोशी, सुशील छंगाणी, सांवरलाल ओझा, मोहित पुरोहित एवं केशव आचार्य ने भी विचार व्यक्त किए।
राजस्थानी साफा, पाग-पगड़ी और कला संस्कृति संस्थान के अध्यक्ष कृष्ण चंद्र पुरोहित ने संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया। इससे पहले शॉल, साफा और अभिनंदन पत्र भेंट कर श्री छंगाणी का सम्मान किया गया।

Author