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बीकानेर भागवत सप्ताह कथा माध्यम से जरुरतमंद असहाय लोगों की मदद हैतु सेवा कार्य को अपने जीवन को लक्ष्य बनाकर धार्मिक जीवन से निरंतरअध्यात्म पथ पर बढ़ रहे बालसंत श्रीछैल बिहारी जी महाराज व मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान के द्वारा विगत दिवस 24़×7 पोर्टल न्यूज़ के धीरज जोशी के माध्यम से दीपावली के पावन अवसर पर मिट्टी क दीपक बनाकर जीवन यापन करने वाले कर्तव्य निष्ठ कुम्हार “दिव्यांग कर्मनिष्ठ ठाकुरदास कुम्हार परिवार की मेहनत करने के बावजूद दयनीय स्थिति की पीड़ा के बारे मे जाना, कि वो कितने कष्ट से और केसे जीवन रहे थे।”ऐसे ठाकुरदास कुम्हार परिवार जिनकी पत्नी सरोज जिनके दोनों पैर खराब व पति ठाकुर दास का एक पैर नही के सहयोग सहारे हैतु खबर प्रकाशित की गई इस खबर से द्रवित होकर हम ने पत्रकार धीरज जोशी से पीड़ित की जानकारी ली औऱ सम्पर्क किया गया। तत्परता दिखाते हुवे “मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान के सदग्रहस्थ संत मनु जी महाराज एवं कथा प्रवक्ता बाल संत श्रीछैल बिहारी जी महाराज के द्वारा न्यूज़ पढ़कर उनसे सम्पर्क कर के संयुक्त अभियान में “दीपावली के दियों की रोशनी दिव्यांग पीड़ित एवं जरूरतमंदों की खुशी के लिए हो रहे अद्भुत प्रयास” के साथ जुड़कर बीकानेर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में दिव्यांग एवं जरूरतमंद पीड़ित लोगों की सेवा हेतु संस्थान के साथ मिलकर आज से दीपावली पर्व तक वास्तविक असहाय जरूरतमंद परिवारों के साथ उनकी जरूरतों को पूरा कर दीपावली पर्व मनाएंगे। इसी क्रम में हम गंगाशहर के पास स्थित कुम्हार मोहल्ले में ठाकुर दास कुम्हार परिवार के पास पहुंच कर बालसंत श्री छैलबिहारी महाराज एवं सद्ग्रहस्थसंत मनुजी महाराज ने ठाकुरदास कुम्हार परिवार की मुखिया को जरुरी 51स्टील के बर्तन एवं 31तरह के पहनने हैतु वस्त्र कपड़े जिसमें साड़ी, सलवार सूट, कुर्ता ओढ़नी, कंबल,पैंट शर्ट, शाल, चप्पल, मिठाई एवं श्रृंगार प्रसाधन की वस्तुएं एवं उनके यहां खराब पड़ी ट्राईसाईकिल को मरम्मत कराने हेतु नगद राशि देकर अनुकरणीय योगदान रूपी सेवा की गई। जिसके अंतर्गत बालसंत श्री छैल बिहारी जी महाराज ने बताया कि इनका अधुरा पडा़ मकान को भी अपने आगामी कथाओं के चढावे की राशि द्वारा कमरों का अधुरा पडा निर्माण कार्य पुरा करवाएंगे।। बाल संत श्रीछैल बिहारी जी ने कहा की सही मायनों में भागवत कथाओं के माध्यम से आने वाली चढ़ावा रूपी सामग्री का सही सदुपयोग यही माना जाएगा।। जबकि वह किसी वास्तविक जरूरतमंद के काम आ सके दीपावली का यही तो अर्थ है,,कि अपने-अपने घर दीपक जलाओ खुशियां मनाओ यह हमारा सबसे प्रमुख त्योहार है लेकिन यह खुशी तब दुगनी हो जाती है।। जब हम किसी जरूरतमंद असहाय दिव्यांग पीड़ित असहाय जरूरतमंदों के परिवारों के रोजमर्रा की जिन्दगी मे छोटी-मोटी जरूरतों के लिए भी जो भी वास्तविक विघ्न आ रहे हैं,, ऐसे समय मे हम सब “उनकी जरूरतों को पूरा कर वास्तविक दीपावली को सही मायनों में रोशन कर सकते हैं”। दूसरों के घर के अंधेरों को खुशियों देकर उजालों में बदलना ही वास्तविक दीपावली है।।सामर्थ्य अनुसार कोई न कोई हर किसी के सहयोग का निमित्त बन कर धरती पर आता है, करने वाला कर्ता परमात्मा है, हम सब निमित्त मात्र हैं,,ऐसा मानकर सेवा करना ही मानव धर्म कहलाता है। बाल संत ने बताया असहाय दिव्यांग ठाकुरदास कुम्हार परिवार को जिस प्रकार से भी सहयोग बन पड़ेगा सदैव हमारी संस्थान इस प्रकार के परिवारों के लिए बीकानेर24स7न्यूज़ के सहयोग सरंक्षण माध्यम से सेवा करती रहने हेतु दृढ़ संकल्पित है। उपरोक्त अवसर पर संस्थान के देवकिशन गैपाल, हरिकिशन नागल,ओम प्रकाश कुलरिया, नवरत्न धामू, नितेश आसदेव, एवं संस्थान की संरक्षिका सीमा पुरोहित का भी योगदान रहा।

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