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बीकानेर,शिक्षा विभाग के निजी सहायक संवर्ग का राज्य स्तरीय कार्यक्रम रविवार को धरणीधर ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला थे। उन्होंने कहा कि निजी सहायक संवर्ग के कार्मिक प्रशासनिक व्यवस्था की धुरी हैं। राज्य सरकार इनके हितों के लिए संकल्पबद्ध है। इस संवर्ग के कार्मिकों को समयबद्ध पदौन्नति सहित अन्य लाभ मिले, इसे सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के निजी सहायक संवर्ग के सभी पदौन्नत कार्मिकों का पदस्थापन उनके गृह जिले में ही हो, इसके प्रयास किए जाएंगे। शिक्षा मंत्री ने भगवान गणेश को शीघ्र लिपि का जनक बताया। उन्होंने निजी सहायक संवर्ग की वेबसाइट का लोकार्पण किया। इसमें राजस्थान के समस्त विभागों में नियुक्त कार्मिकों के दूरभाष नंबर सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां संकलित की गई हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशक रमेश हर्ष मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि एक निजी सहायक में अनुशासन, कार्य के प्रति निष्ठा, टाइम मैनेजमेंट, धैर्य और गोपनीयता सबसे महत्वपूर्ण होती है। एक अच्छा निजी सहायक, अधिकारी के कार्य में गुणात्मक परिवर्तन लाकर उसकी कार्य क्षमता बढ़ा सकता है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के स्टाफ ऑफिसर डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि कोई भी निजी सहायक अपने अधिकारी के लिए पावर एमप्लीफायर की तरह कार्य करता है। वह अधिकारी की जरूरत के अनुसार कार्य को अंजाम देता है, जिससे उन्हें कम समय में अधिक कार्य का मौका मिल सके।
अविनाश व्यास ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए संगठनों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और भविष्य की चुनौतियों के बारे में बताया।
इस दौरान जिलाध्यक्ष शिवकुमार व्यास ने संगठन की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया।राजस्थान स्टेट निजी सहायक संवर्ग संघ (शिक्षा विभाग) के संयोजक घनश्याम स्वामी ने निजी सहायक संवर्ग की भर्तियों सहित संवर्ग कल्याण से जुड़े निर्णयों के लिए शिक्षा मंत्री का आभार जताया।
इस दौरान घनश्याम कुचेरिया, आनंद देराश्री, दीपक शर्मा, किशन कुमार कल्ला, योग शिक्षक दीपक शर्मा सहित निजी सहायक संवर्ग के कार्मिक मौजूद रहे।

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