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बीकानेर,झुंझुनूं के एक सरकारी स्कूल में 11 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई करने में सुस्त रहे शिक्षा निदेशालय के प्रति मानवाधिकार आयोग ने नाराजगी जताई है। जिसके बाद निदेशालय ने एक लिपिक निलंबित कर दिया है। आयोग ने निदेशालय से इस पीड़ित बालिका को आर्थिक सहयोग देने के लिए मार्गदर्शन मांगा था।

निदेशक कानाराम के निर्देश पर एक लिपिक रितू चौधरी को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, मानवाधिकार आयोग ने दो बार निदेशक को पत्र दिया था कि इस पीड़ित बालिका को आर्थिक सहयोग दिया जाना है। जिसके निर्धारण के लिए मार्गदर्शन दिया जाना था।

आयोग को निदेशालय से कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में आयोग ने नाराजगी जताते हुए निदेशक को नोटिस दिया। निदेशालय स्तर पर पता चला कि जिस कार्मिक के पास ये पत्र पहुंचा, उसने आगे पुटअप ही नहीं किया। इस पर कार्मिक रितू चौधरी को सस्पेंड कर दिया गया है। फिलहाल उसे संबंधित अनुभाग से हटाकर कार्मिक अनुभाग भेज दिया गया है।

सहायक निदेशक मोहन सिहाग ने बताया कि पीड़ित लड़की को पांच लाख रूपए का मुआजवा देने का आदेश मानवाधिकार आयोग ने दिया है। इस मामले में स्कूल प्रिंसिपल और दो महिला टीचर को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। ये मामला अक्टूबर 2021 का है, जिसके बाद 21 अक्टूबर 21 को ही उनको सस्पेंड किया गया।

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