बीकानेर,आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी आदि ठाणा 18, साध्वीश्री विचक्षणश्रीजी की शिष्या साध्वी विजय प्रभा, साध्वीश्री चन्द्रप्रभाकी शिष्या साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी के सान्निध्य में बेगानियों के चौक में स्थित 188 वर्ष प्राचीन भगवान श्री चन्द्रप्रभु के जिनालय का आमूलचूल जीर्णोंद्धार का चल प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुक्रवार को भक्ति भाव के साथ हुआ।
श्री चन्द्र प्रभु मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बीकानेर निवासी मुंबई प्रवासी विख्यात चिकित्सक डॉ. मानमल बेगानी ने बताया कि चौमुखी सफेद संगमरमर के इस मंदिर में सावन माह में 14-16 अगस्त को जीर्णोंद्धार व खनन मुर्हूत तय किया गया है। मंदिर के जीर्णोंद्धार व नवीनीकरण का कार्य समस्त बेगानी परिवारों, बेगानी मोहल्लावासी व श्री चन्द्र प्रभु मंदिर ट्रस्ट के संयुक्त प्रयासों से होगा। डॉ.बेगानी व उनकी धर्म पत्नी श्रीमती नैना देवी का बेगानी परिवार व ट्रस्ट की ओर से झंवर लाल, गेवरचंद, मोहन लाल, भीखमचंद, श्रीचंद, वीरचंद, देवेन्द, प्रमोद व जीवराज बेगानी ने दुप्टा, साफा आदि से सम्मान किया।
आयोजन से जुडे़ मालचंद बेगानी ने बताया कि जैन धर्म के 8 वें तीर्थंकर भगवान चन्द्र प्रभु या चंदा प्रभु के मंदिर में भगवान आदिनाथ, सुपार्श्व नाथ, नेमीनाथ, शांतिनाथ,यक्ष देव तथा दादा गुरुदेव जिन कुशल सूरी की प्राचीन प्रतिमाओं को पास ही नवनिर्मित नूतन स्थान पर प्रतिष्ठित किया गया। जीर्णोंद्धार के बाद गणधर गौतम स्वामी व ओसिया की देवी सच्चियाय माताजी की प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को आचार्यश्री, मुनि व साध्वीवृंद के सान्निध्य में मध्यप्रदेश से आए विधिकारक प्रवीण चौपड़ा शुक्र उत्सव में स्नात्र पूजा, नवग्रह, दशदिग्पाल, अष्टमंगल, क्षेत्रपाल आदि देवों का पूजन, चल प्रतिष्ठा करवाई। पूजाओं का विधान डॉ.मानमल-नैनादेवी, मोतीचंद लीला देवी बेगानी, देवेन्द्र जयश्री व विनोद दस्साणी ने जैन शास़्त्रोक्त विधि से करवाया। कार्यक्रम में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, पार्श्वचन्द्र गच्छ, तपागच्छ, जिनेश्वर युवक परिषद, श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास, साधुमार्गी जैन संघ, तेरापंथ संघ, विचक्षण महिला मंडल के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।
धर्म सभा
धर्मसभा में आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी ने कहा कि 188 वर्ष पूर्व आचार्यश्री सौभाग्य सूरी की ओर से प्रतिष्ठित चौमुखी भगवान आदिनाथ की प्रतिमा बीकानेर ही नहीं समूचे हिन्दुस्तान में बहुत कम स्थानों दर्शन वंदन करने के लिए मिलती है। श्री संघ जैनम् जयंती शासनम व पंच परमेष्ठि का आधार है। जैन श्रीसंघ धार्मिक-आध्यात्मिक अनुष्ठान में सक्रिय भागीदारी निभाएं ं। बीकानेर के मुनिश्री सम्यक रत्न सागर ने कहा कि संसार व सांसारिक विषय वस्तु, पद, सम्पति मूल्यहीन तथा तीन त्रिलोकी के नाथ परमात्मा मूल्यवान है, उनका सहारा लेकर कर्मों की निर्जरा व पुण्यों का संचय करें । साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी ने भी प्रवचन किए।
इसके बाद गोगागेट स्थित गौड़ी पार्श्वनाथ परिसर में स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन निवासी डॉ.मानमल बेगानी, श्रीमती फूदादेवी लक्ष्मीचंदजी, माणकचंद बेगानी व समस्त बेगानी परिवार ने लिया है।
चातुर्मासिक चतुर्दशी आज
जैन मुनि व साध्वीवृंद के जप, तप, साधना, आराधना तथा प्रतिक्रमण आदि के अनुष्ठान शनिवार चातुमासिक चतुर्दशी शनिवार से शुरू होंगे। श्रावकों का प्रतिक्रमण ढढ्ढा चौक के कोठारी भवन में तथा श्राविकाओं का रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शाम छह बजे होगा। नियमित प्रवचन सुबह नौ बजे ढढ्ढा चौक के यशराग प्रवचन पांडाल में होंगे। रविवार को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। गुरु वंदन पूजन किया जाएगा।