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बीकानेर तकनीकों के विकास को देखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मांग सभी तकनीकी क्षेत्रों में बढ़ रही है। साथ ही औद्योगिक कार्यस्थल के स्वरूप को भी बदल रहा है। ऐसे में इससे जुड़े कोर्स की तरफ विद्यार्थियों का रुझान देखने को मिल रहा है।

बीकानेर के इंजीनियरिंग कॉलेज में दो साल पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बी टेक कोर्स की शुरुआत की गई। इसमें दो सालों से लगातार विद्यार्थियों बढ़ रहे हैं। साल 2020 में जहां 75 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। वहीं साल 2021 में 100 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। अब साल 2022 के प्रवेश जुलाई में शुरू होंगे।

मशीनी दिमाग बनाने पर काम

ईसीबी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभाग के समन्वयक डॉ. मनोज कुड़ी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे अच्छा रूप माना जाता है। इसमें एक ऐसा मशीनी दिमाग बनाया जाता है, जिसमें कम्प्यूटर सोच सके
व खुद निर्णय ले सके। यह मशीनों से प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है। मशीनों में सोचने समझने और सटीक निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। उद्योगों के साथ भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र में कई उपचार के लिए भी इसका उपयोग किया जाएगा।

कई क्षेत्रों में रहेगी मांग

डॉ.नवीन शर्मा ने बताया कि रोबोटिक्स, वर्चुअल रियल्टी क्लाउड टेक्नोलॉजी, बिग डेटा, बैंकिंग, मशीन लर्निंग, डेयरी एवं खाद्य प्रौद्यागिकी, कृषि, शिक्षा, हैल्थकेयर, सोलर एनर्जी,ट्रांसपोर्टेशन, साइबर सिक्यूरिटी और अन्य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में आर्टिफि शियल इंटेलिजेंस में बी-टेक स्नातकों की मांग रहेगी। इस क्षेत्र में रोजगार की भी भरपूर संभावनाएं है।

बढ़ रहा रुझान

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स की तरफ विद्यार्थियों रुझान लगातार रहा है। हर क्षेत्र में इसकी उपयोगिता के चलते रोजगार की सम्भावना भी नजर आ रही है। उम्मीद है की आने वाले सन्न में विद्यार्थीयों की संख्या में और बढेगी।

डॉ. जयप्रकाश भामू, प्राचार्य, ईसीबी

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