बीकानेर, राजस्थान के कई शहरों में रविवार देर रात एक के बाद एक भूकंप के झटके महसूस किए गए। जयपुर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, टोंक, जालोर, बूंदी जैसे शहरों में ये झटके महसूस किए गए।डर के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए। कई शहरों में दरवाजे-खिड़कियां खड़खड़ाने लगीं। गनीमत रही कि धरती कांपने के कारण किसी भी स्थान पर किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। राजधानी जयपुर में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर करीब 3.6 रही। रात करीब 12:36 बजे भूकंप के झटके बीकानेर से लेकर टोंक-बूंदी तक महसूस किए गए। बीकानेर के उत्तर पश्चिम में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक भूकंप रात 12 बजे के बाद आया था। इसका केंद्र जयपुर और श्रीगंगानगर जिलों में जमीन की गहराई में 10 किलोमीटर नीचे था। श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में 12 बजकर 27 मिनट पर भूकम्प के झटके महसूस किए गए। विजयनगर में भी रात्रि 12 बजकर 28 मिनट पर भूकंप का झटका आया, जिससे कमरे की खिड़कियां बज उठीं। धरती तब हिली, जब आधी रात लोग सो रहे थे। झटकों की तीव्रता कम होने के कारण ज्यादातर लोगों को भूकंप आने का अहसास नहीं हुआ।सबसे पहले भूकंप श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में आया। इसका केंद्र पाकिस्तान की सीमा के बिल्कुल नजदीक जमीन के 10 किलोमीटर नीचे अंकित किया गया। यहां रात करीब 12.27 मिनट पर झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई। इसके आठ मिनट बाद ही जयपुर में भी धरती हिलने लगी। यहां रात 12.36 बजे भूकंप के झटके लगे। इस बार तीव्रता 3.6 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र जयपुर के फागी और चाकसू के बीच रहा। यह भी धरती से करीब 10 किलोमीटर अंदर था।
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली होता है। भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।लोगों ने बताया कि भूकंप आने के समय धरती हिली और तेज आवाज भी हुई, जिससे लोगों में भय का माहौल पैदा हुआ और कुछ लोग घरों से बाहर भी निकले। लोगों ने मोबाइल फोन से एक-दूसरे को भूकंप की जानकारी दी। रात होने के कारण अधिकतर लोग सोए हुए थे, ऐसे में जयादा अफरा तफरी का माहौल पैदा नहीं हुआ। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि भूकंप के कारण किसी भी प्रकार की हानि होने का समाचार प्राप्त नहीं हुआ है।