बीकानेर। नगर विकास न्यास के द्वारा ठेकेदारा होने वाले काम के बाद रुपये लेने में ठेकेदारों के पसीने आ जाते है क्योकि यूआईटी काम करवा लेती है लेकिन ठेकेदारो को रुपये देने के समय साला लगा देती है। इससे परेशान शहर के ठेकेदारों ने शुक्रवार अचानक नगर विकास न्यास पहुंचे और एक ठेकेदार ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और न्यास के अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर भुगतान नहीं दिया तो आत्महत्या कर लूंगा इतना सुनते ही पूरी यूआईटी हड़कंप मच गया। काफी देर तक समझाया बाद में वह बाहर आया तब उसको सदर पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। नगर विकास न्यास में राजेंद्र कुमार हटीला का अर्से से भुगतान अटका हुआ है। लाखों रुपए के बिल का भुगतान लेने के लिए राजेंद्र पिछले कई महीनों से कार्यालय के चक्कर काट रहा है लेकिन भुगतान नहीं हो रहा। नाराज होकर उसने शुक्रवार सुबह पहले तो कार्यालय में नाराजगी जताई और बाद में एक कमरे खुद को बंद कर लिया। उसने कर्मचारियों से कहा कि वो कमरे में सुसाइड कर लेगा, जिसकी जिम्मेदारी न्यास की होगी। इसके बाद ऑफिस में हंगामा हो गया। काफी देर तक समझाइश करने पर उसने खुद को बाहर निकाला। तब तक सदर पुलिस को सूचना कर दी गई थी। सदर पुलिस ने कमरे से बाहर निकलते ही राजेंद्र को हिरासत में ले लिया। उससे सदर पुलिस में पूछताछ की गई।
अधिकांश ठेकेदारों का भुगतान बकाया
दरअसल, नगर विकास न्यास में काम करने वाले अधिकांश ठेकेदारों का भुगतान बकाया है। न्यास काम स्वीकृत करने से पहले बजट स्वीकृत करता है, इसके बाद भी ठेकेदारों को समय पर भुगतान नहीं दिया जाता। कमीशन खोरी के जंजाल में फंसी ढ्ढञ्ज के कुछ कर्मचारी जानबूझकर भुगतान नहीं होने देते।