बीकानेर,राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अकादमिक व्यवस्थाओं और परीक्षा प्रक्रिया के सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करते हुए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा कुलपति प्रो.अजय कुमार शर्मा के अथक प्रयासों से अपने पिछले 7 माह से पीछे चल रहे अकादमिक सत्र को नियमित कर दिया गया हैं। डीन एकेडमिक डॉ. यदुनाथ सिंह ने कहा की अब विश्वविद्यालय द्वारा सभी परीक्षाओं के परिणाम समय पर घोषित किए जा रहे हैं ताकि छात्रों को एक बेहतर और प्रभावशाली-पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था का अनुभव हो सके। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए समय पर परीक्षा परिणाम एवं परीक्षा प्रणालियों के नवाचार को अमलीजामा पहनाया गया है। परीक्षा परिणाम में सकारात्मक सुधारो को गति प्रदान करने के कुलपति अजय शर्मा के व्यापक दृष्टिकोण ने बीटीयू को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में तकनीकी शिक्षा के महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में पहचान प्रदान की हैं। तकनीकी शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों के रुझान को बढ़ाने और संबद्ध महाविद्यालयों के सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करते हुए हाल ही में विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों के मध्य संवाद कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। कुलपति प्रो. अजय कुमार शर्मा ने कहा की विश्वविद्यालय के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए एवं समय के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के बदलते स्वरूप को अपनाते हुए विश्वविद्यालय ने श्रेष्ठ नवीनतम तकनीक, विकसित पाठ्यक्रम, शोध-अनुसंधान, नवाचार, लाभदायक अकादमिक योजनाओं एवं नीतिगत योजनाओं पर कार्य करते विश्वविद्यालय के त्वरित विकास मे हम सफल रहे हैं। विश्वविद्यालय परिवार और हितधारकों के अथक प्रयास और सुनियोजित कार्ययोजना का ही परिणाम है की बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय प्रदेश मे तकनीकी शिक्षा की अलख जगा रहा हैं जिससे हमारे प्रदेश के असंख्य युवा लाभान्वित हो रहे हैं। तकनीकी शिक्षा का समन्वित विकास और व्यापक प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए बीटीयू सफलता के आयामों की और निरंतर अग्रसर हैं। साथ ही हम हमारे सभी हितधारकों के आभारी है जिन्होंने बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा के राष्ट्रीय मानचित्र पर पहचान दिलाने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई हैं। डीन एकेडमिक डॉ. यदुनाथ सिंह ने कहा की विश्वविद्यालय द्वारा अपनी अकादमिक उत्कृष्टता की वृद्धि की दिशा में काम करते हुए विद्यार्थी हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।
(1) विभिन्न सिलेबस को बीओएस द्वारा अंतिम रूप दिया जा सत्र आरंभ होने से पहले लागू किया गया। (2) 12 नये महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय की संबंद्धता दिया जाकर नये पाठ्यक्रमों को शुरू किया गया। (3) बीबीए बीसीए कोर्सेज शुरू किए गए और उनके बीओएस बना कर सिलेबस तैयार कर लागू किया गया। (4) राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय प्रवेश प्रक्रिया करवा करवा कर सफलतापूर्वक एमटेक में बीटीयू एवं आरटीयू में एडमिशन करवायें गये। (5) बीटीयू में पीएचडी के लिए लंबित प्रवेश प्रक्रिया को पूरा कर नये सत्र के लिए भी प्रवेश करवा दिये गये। (6) राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय प्रवेश प्रक्रिया करवा कर सफलता पूर्वक बीबीए एवं बीसीसीए पाठ्यक्रमों के लिए बीटीयू एवं आरटीयू में एडमिशन करवाये गये। (7) बीटीयू के सभी संघटक एवं संबद्ध महाविद्यालयों में तकनीकी एवं प्रबंधन पाठ्यक्रमों में प्रवेश संख्या में वृद्धि के लिए सुझावों को लागू करने के प्रयास शुरू किए गए। (8) बीटीयू के सभी संघटक और सरकारी महाविद्यालयों के प्राचार्यों के विश्वविद्यालय के सभी संबद्ध महाविद्यालयों को सभी प्रकार की अकादमिक सहायता, विशेषज्ञ व्याख्यान, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, तकनीकी सहायता, विद्यार्थियों के लिए लैब क्लासेज, लैब विजिट इत्यादि के लिए पूरी तरह मदद करने हेतु निर्देश दिए गए। (9) सात माह पीछे चल रहा सत्र नियमित किया गया (10) लगभग 75 से अधिक लंबित परिणामो की घोषणा की गयी (11) कर्मचारी हित मे वेतन नियमित करना (12) पिछले 2 वर्ष लंबित इंक्रीमेंट प्रदान करना (13) स्पोर्ट्स बोर्ड की स्थापना का निर्णय लिया गया (14) विश्वविद्यालय स्तर पर सभी महाविद्यालयों के सहयोग से सांस्कृतिक और खेलकूद कार्यक्रमों का नियमित आयोजन (15) महाविद्यालयों के कार्यों का समयबद्ध निस्तारण हेतु ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाना (16) प्लेसमेंट को बढ़ावा देने हेतु सभी टीपीओ और डीएसडब्ल्यू की सम्मिलित समिति का गठन और 16 नवम्बर को पहली मीटिंग का आयोजन (17) महाविद्यालयों और इंडस्ट्रीज को साथ लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों के लिए नई संभावनाओं की तलाश (18) महाविद्यालयों के सहयोग से विश्वविद्यालय स्तर पर सर्टिफिकेट कोर्सेज शुरू किया जाना (19) संबद्ध महाविद्यालयों के पूर्व कई वर्षों से लंबित कार्यों का यथाशीघ्र निस्तारण जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इस हेतु सभी संघटक एवं संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्य और निदेशकों ने कुलपति का आभार जताया हैं। विश्वविद्यालय द्वारा अपने हितधारको के आपसी संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में किया गया संवाद कार्यक्रम सम्बद्ध महाविद्यालयों द्वारा काफी सराहा गया है। संबद्ध महाविद्यालयों का भी कहना है कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों की आपसी भागीदारी का यह नवाचार तकनीकी शिक्षा की उन्नति की दिशा में राजस्थान प्रदेश में प्रमुख स्तंभ के रूप में पहचान स्थापित करेगा।