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बीकानेर,विश्व नारियल दिवस के अवसर पर कृषि मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि नारियल उत्पादक किसानों को एमएसपी में वृद्धि सहित विभिन्न कृषि हितेषी योजनाओं के माध्यम से केंद्र सरकार पहुंचा रही है लाभ*

दिल्ली/जयपुर/बाड़मेर-जैसलमेर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को दिल्ली स्थित कृषि मंत्रालय में विश्व नारियल दिवस 2020-21 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्यमंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे सहित कृषि मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि भारत विश्व का सबसे बड़ा नारियल उत्पादक देश है। 30 लाख किसान परिवार आज नारियल की खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे है। देशभर से लगभग 2300 करोड़ ₹ के नारियल व इससे जुड़े उत्पादों का निर्यात किया जा रहा है।

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन अनुरूप किसानों की आय बढ़ाने के लिए नारियल उत्पादकों को भी केंद्र सरकार लाभ पहुंचा रही है। केंद्र सरकार किसानों के लिए समर्पित है और कृषि क्षेत्र प्राथमिकता है, इसीलिए कृषि बजट भी काफी बढ़ाया गया है। कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से भी बड़ी संख्या में किसानों को सुविधाएं मिलेगी। कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र द्वारा कृषि बजट काफी बढ़ाने के साथ एमएसपी का लाभ किसानों को दिया जा रहा है। हमारे ज्यादातर किसान लघु व सीमांत श्रेणी के हैं, इसलिए इन किसानों को बेहतर आय प्राप्ति के लिए प्रसंस्करण व मूल्यवर्धन करने और उत्पाद विविधीकरण अपनाने सहित सरकार की ओर से बेहतर बीज से आसान बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर ध्यान दिया जा रहा है।

इसके बाद कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से राजस्थान में जैतून तेल से संबंधित परियोजना और क्रियान्वयन के संदर्भ में चर्चा की। कैलाश चौधरी ने बताया कि जैतून की खेती का दायरा राजस्थान में लगातार बढता जा रहा है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय बीकानेर में देश की पहली रिफाइनरी राजस्थान में लगाई गई है, जहां जैतून का तेल निकाला जा रहा है। परंतु राजस्थान की वर्तमान गहलोत सरकार की लापरवाही के चलते इसका कार्य धीमा पड़ गया है।

 

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