बीकानेर,इंदिरा गांधी नहर में दो महीने से पानी नहीं आने से बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में जल संकट खड़ा हो सकता है। दरअसल, नहर बंदी के चलते 19 मार्च से 19 मई तक पंजाब में नहर की मरम्मत के चलते पानी नहीं आएगा। ऐसे में पीने के पानी का संकट खड़ा हो सकता है। खासकर बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर, बाड़मेर व नागौर में जलापूर्ति प्रभावित हो सकती है।
वैसे तो नहर बंदी दो महीने तक है लेकिन एक महीने तक पंजाब से पीने का पानी मिलता रहेगा। ऐसे में 19 अप्रैल तक पीने का पानी आएगा लेकिन इसके बाद एक महीने तक नहर में पानी नहीं आएगा। ऐसे में जलदाय विभाग को अपने जलाशयों से ही पानी की आपूर्ति करनी होगी। विभाग के पास बीस दिन का पानी ही रहता है। बीस दिन का पानी तीस दिन देने की चुनौती का सामना करने के लिए जलदाय विभाग एक दिन छोड़कर एक दिन पानी दे सकता है। ऐसे में 19 अप्रैल से ही एक दिन बाद पानी आने की व्यवस्था लागू होगी। पिछली बार जब एक दिन छोड़कर एक दिन पानी दिया गया तो शहरी क्षेत्र में बड़ी समस्या हुई। कई एरिया में तो दो-तीन दिन से पानी नहीं आता था। कमोबेश ऐसे ही हालात एक बार फिर बन सकते हैं।
नहर बंदी के दौरान जलदाय विभाग पानी देने के बजाय बचाने की कोशिश में जुटा रहता है। विभाग की सभी टंकियां, डिग्गियां, जलाशय भरे होने के बाद भी एक दिन छोड़कर एक दिन पानी दिया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा दिन पानी मिल सके। इस बार भी जलाशयों को लबालब रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं हर रोज दिए जाने वाले पानी की मात्रा भी पहले की तुलना में कम हो जाएगी।
नहर बंदी के चलते फिलहाल जरूरत से ज्यादा पानी दिया जा रहा है। आमतौर पर बीकानेर को पेयजल के लिए 1050 क्यूसेक पानी मिलता है लेकिन अभी 2200 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। इसके बाद भी विभाग पूरी तरह संग्रहण नहीं कर पा रहा है।