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जयपुर,मास्टरजी बच्चे की पतलून दो बिलांद छोटी, इस सरकारी व्यवस्था में उक्त विज्ञापन जैसा हाल न हो जाए अफसरों की अदूरदर्शिता के कारण अब सरकार के समक्ष चुनौती बजट बढ़ाए या योजना में ही संशोधन करे

प्रदेश के शिक्षा विभाग को ऐसे टेलर्स की तलाश है जो 60 रुपए में स्कूल ड्रेस सिल दें। ड्रेस 8वीं तक के 67 लाख से अधिक बच्चों की सिली जानी है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई टेलर नहीं मिला है ऐसे में सीएम अशोक गहलाेत द्वारा बजट-2021 में की गई 400 करोड़ रुपए की नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण की घोषणा पूरी करने में देर हो रही है। अब सरकार के पास दो ही रास्ते हैं, योजना का बजट बढ़ाए या योजना में ही संशोधन करे। दोनों ही स्थितियों में स्कूली बच्चों को ड्रेस के लिए 4 माह इंतजार करना पड़ेगा जबकि शिक्षा सत्र शुरू हुए 3 माह हो चुके हैं। दरअसल, स्कूली बच्चों को सिली यूनिफॉर्म देने के लिए बजट था 600 रुपए प्रति विद्यार्थी।

इसमें से विभाग ने 540 रुपए में तो कपड़ा खरीदने का ऑर्डर दे दिया। अब सिलाई के लिए 60 रु. ही बचे हैं। शिक्षामंत्री बीडी कल्ला का कहना है- ड्रेस की क्वालिटी से समझौता नहीं कर सकते। इसलिए बजट बढ़ रहा है। अतिरिक्त बजट के लिए फाइल भेजी गई है। जो निर्णय होगा, उसी आधार पर तय करेंगे कि ड्रेस की सिलाई कैसे होगी। समग्र शिक्षा अभियान में ड्रेस, स्टेशनरी, किताबें दी जाती हैं। 60% बजट केंद्र से मिलता है। दो ड्रेस के लिए केंद्र ने प्रति छात्र 600 रु. तय किए हैं।

दर्जी ऐसा चाहिए 60 में सिले दो जोड़ी ड्रेस
बल्क में सिलाएं तो भी कम से कम 400 लगेंगे

गांवों में पेंट-शर्ट सिलाई की रेट 500, सलवार सूट की 300 रुपए है। छात्र या अभिभावक अपने स्तर पर सिलाएंगे तो दो ड्रेस की सिलाई 600 से एक हजार रुपए तक की होगी ऐसे में सरकार की मुफ्त ड्रेस देने की घोषणा पूरी नहीं होगी।

बल्क में भी कोई टेलर 400 ड्रेस सिलेगा तो प्रति छात्र 400 रु. तक खर्च आएगा। ऐसे में 600 रु. की ड्रेस हजार रु. तक पड़ेगी।

बजट दोगुना करना होगा।
सरकार सिली हुई यूनिफॉर्म खरीदती तो बल्क में इसी बजट में थोड़ा ऊपर-नीचे कर दो ड्रेस मिल सकती थी। विद्यार्थियों को सत्र की शुरुआत में ही मिल जाती, अब नवंबर तक का समय लगेगा सभी छात्रों को ड्रेस पहुंचाने में।

कई राज्यों ने बजट बढ़ाया, कुछ ने इसी बजट में दी है
यूपी सरकार ने बजट जोड़ते हुए बच्चों की ड्रेस के लिए 1200 रुपए बैंक खातों में दिए हैं। इसमें दो जोड़ी ड्रेस के अलावा स्वेटर के लिए 200 रुपए, जूते-मोजे के लिए 125, स्कूल बैग के लिए 175 रुपए भी शामिल हैं। कुछ राज्यों में इसी बजट में ड्रेस उपलब्ध करवाई है

पहले 450 रुपए तक का खरीदना था कपड़ा
विभाग ने पहले 400-450 रुपए प्रति छात्र कपड़ा खरीदना, जनसहयोग लेना तय किया था। नोडल एजेंसी समग्र शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहनलाल यादव ने बताया, भीलवाड़ा की फर्म 120 दिन में कपड़ा देगी।दो ड्रेस के लिए कपड़े का रेट प्रति छात्र 540 रु. है। इस बजट में कोई सिली हुई ड्रेस देने को तैयार नहीं, इसलिए पिछले साल भी बच्चों को नि:शुल्क ड्रेस नहीं मिली थी।’

75 लाख नामांकन, 67 लाख को ड्रेस की तैयारी
कक्षा छात्राएं छात्र
1-5 2142185 2043681
6-8 1304529 1215217
ड्रेस 67 लाख बच्चों को दी जाएगी

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