बीकानेर,हिमोफिलिया सोसायटी, बीकानेर चैप्टर की ओर से रविवार को जस्सूसर गेट के बाहर स्थित डॉ.श्याम अग्रवाल चिल्ड्रन एवं जनरल हॉस्पिटल में हीमोफिलिया जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में चिकित्सक रोगी संवाद में चिकित्सकों ने रोग के कारण, उपचार के बारे में बताया वहीं इस व्याधि से पीड़ित 5 से 50 वर्ष तक के रोगियों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें निःशुल्क उपचार व परामर्श दिया गया।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.महेश शर्मा ने कहा कि हिमोफिलिया एक वंशानुगत बीमारी है। मानव शरीर में रक्त का थक्का जमाने के लिए रक्त में विशेष प्रकार के प्रोटीन(फैक्टर) की कमी या अनुपस्थिति के कारण रक्त स्त्राव के रुकने में बाधा उत्पन्न होती है। यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। रोग से पीड़ित बच्चे व व्यक्ति इसका नियमित उपचार चिकित्सा की सलाह से लें। इस रोग के अलावा अन्य रोग होने पर चिकित्सक को हीमोफीलिया होने की भी जानकारी दें।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.श्याम अग्रवाल ने कहा कि उनकी अस्पताल में हीमोफीलिया सोसायटी के सहयोग से रोगियों को निःशुल्क उपचार व दवाई सुलभ करवाई जाती है। अमुमन लोग कोई बीमारी होने पर अपना बचाव करते है, लेकिन हिमोफिलिया सोसायटी के सभी पदाधिकारी व सदस्य मानवीय सेवा के ध्येय को सर्वोपरि रखते हुए सभी हिमोफिलिया से पीड़ित रोगियों के ईलाज व जागरुकता के लिए मानवीयता के समर्पित भाव से पूर्ण जज्बें के साथ सेवा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक तरह का ईलाज तर्ज पर सभी हिमोफिलिया रोगियों को चिकित्सा सुविधा सुलभ होनी चाहिए। उनकी अस्पताल दो दशक से अधिक समय से हिमोफिलिया चिकित्सा केन्द्र के रूप् में स्थापित है। जहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के रोगियों का उपचार किया जाता है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.राजाराम मेघवाल ने बताया कि हिमोफिलिया रोग के मरीज को बचपन के समय शरीर के ऊपरी जोड़ों के ऊपर किसी भी अंगों पर चोट लगने या दवाब पड़ने से नीला या काला निशान बनता है। बच्चे के शरीर के ऊपर अचानक किसी भी जोड़ के अंदर सूजन व दर्द होता है। मरीज के हल्की चोट तथा कट लगने पर लगातार खून बहता है। अचानक नाक, कान, मुंह व पेशब के साथ खून का बहना, बिना किसी चोट लगे जोड़ों के अंदर सूजन का होना और दर्द का बढ़ते रहना तथा कुछ समय अंतराल के उपरांत पुनः उसी जोड़ पर सूजन आना, मांसपेशियों में रक्त स्त्राव तथा जोड़ों में सूजन का स्थाई हे जाना मुख्य लक्षण है। डॉ.महेश शर्मा, डॉ.श्याम अग्रवाल व डॉ.राजाराम ने रोगियों व उनके सहयोगियों से इस रोग के बारे में संवाद के दौरान विभिन्न भ्रांतियों को दूर किया तथा नियमित ईलाज की सलाह दी। उन्होंने हिमोफिलिया ’’ए’’ व ’’बी’’ उनके फैक्टर आदि के बारे में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप् में कवि, साहित्यकार संजय आचार्य ’’वरुण’’ ने कहा कि संसार में मां व चिकित्सक वात्सल्य भाव संवेदना के साथ सेवा कार्य करते हैं। हीमोफीलिया सोसायटी के सदस्य, पदाधिकारी, सेवा भावी चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ व रोगी व उनके अभिभावक करोना की तरह संगठित व जागरूक रहकर हिमोफिलिया रोग से बचाव, पीड़ितों के उपचार के लिए कार्य करें। वरिष्ठ पत्रकार शिव कुमार सोनी भी कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
हिमोफिलिया सोसायटी बीकानेर चैप्टर के अध्यक्ष रवि कुमार व्यास, सचिव संतोष कुमार स्वामी, सोसायटी संस्थापक देवी लाल पारीक, सुनील शर्मा, विजय कुमार व अन्नपूर्णा ने संस्थान की हिमोफिलिया चिकित्सा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों से अवगत करवाया। इस अवसर पर अतिथियों व डॉ.श्याम अग्रवाल चिल्ड्रन एवं जनरल अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ का प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह से सम्मान किया गया। पूर्व में बीकानेर के पहले हीमोफीलिया के रोगी व लोगों में जागरूकता के लिए कार्य करने वाले स्वर्गीय आर.वी.वर्मा के चित्र पर पर पुष्पांजलि दी गई।