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बीकानेर, कैंसर रोग से ग्रसित चंद्रमुखी बदला हुआ नाम  की पित्त की नली के कैंसर होने से सिकुड़ जाने से उसमे पीलिया की गंभीर स्थिति बन गई थी। रोगी को ओप्रेशन या अन्य विधि से राहत मिलना संभव नहीं था और पीलिया से स्थिति बिगड़ती जा रही थी। इस निराशाजनक स्थिति में रोगी के पीलिये को ठीक करने का बीड़ा डॉ तनवीर मालावत अस्पताल के इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ बलवीर नेहरा ने उठाया। डॉ नेहरा ने बिना चीरफाड केथ मशीन के सहयोग से लीवर में पी. टी. बी. डी ( परक्यूटेनियस ट्रांसहिपेटिक बिलियरी ड्रेनेज ) बिना चीरफाड की पद्धति से रोगी को पीलिया से निजात दिलाया। डॉ नेहरा ने अत्यधिक आधुनिक इंटरलाइजेशन पद्धति से पित्त को कॉमन बाइलडक्ट में सिकुड़न से आगे प्राकृतिक रास्ते से पित्त को शरीर के भीतर प्रवाहित करा कर बीकानेर के इतिहास में एक मील का पत्थर रोपित कर दिया। बीकानेर में इस प्रकार इंटरवेंशनल पद्धति से पीलिया का उपचार पहली बार हुआ है। डॉ बलवीर मेदांता गुडगाँव से प्रशिक्षित है और डी टी एम अस्पताल में नियमित अपनी सेवाएं से रहे है।
डॉ नेहरा ट्यूमर एम्बोलाइजेश ,वैरिकोज वैन , आंतो व गुर्दो की एंजियोप्लास्टी , खून की उल्टी,अत्यधिक मासिक धर्म ,फाइब्रॉइड का एम्बोलाइजेश जैसे रोगो को बिना चीरफाड़ के उपचार करने में दक्ष इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट है।

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