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बीकानेर.शहर में होलाष्टक में मंचित होने वाली रम्मतों आचार्य चौक में मंचित होने वाली वीर रस प्रधान अमर राठौड़ का डॉ. मेघराज आचार्य स्थान प्रमुख है। राजसी ठाठ-बाट के साथ हर दोहे, छंद से प्रकट होने वाली वीरता रम्मत के रसियों को रोमांचित करती रही है। इस रम्मत के वरिष्ठ कलाकार डॉ. मेघराज आचार्य ने करीब छह दशक तक – विभिन्न किरदार निभाकर अपनी कला प्रतिभा का परिचय दिया।

डॉ. आचार्य लोक संस्कृति और परम्पराओं के संवाहक थे। उनका रम्मत के प्रति जुनून देखते ही बनता होगा। था। बुलंद आवाज के धनी डॉ. आचार्य कलाकार होने के साथ-साथ रम्मत प्रबंधन में भी महारथी थे। लोक नाट्य परम्परा रम्मत से युवा कलाकारों को जोड़ने और उन्हें आगे बढ़ाने के पक्षधर थे। शहर में दूसरे स्थानों पर होने वाली रम्मतों के मंचन में के दौरान पहुंचते और कलाकारों का हौसला बढ़ाते थे। डॉ. आचार्य में रम्मत मंचन के दौरान दर्शकों को बांधकर रखने की खूबी थी। रम्मत रम्मत के प्रमुख पात्र बादशाह, राम सिंह, सिंह अमर सिंह राठौड़ के किरदार वर्षों तक निभाए। रम्मत मंचन के दौरान अपने पात्र के भाव की गहराईयों में डूबकर अभिनय करने की उनमें अद्भुत क्षमता थी। डॉ. आचार्य उपभोक्ता जागरण सहित कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे।

रम्मत कलाकार डॉ. मेघराज आचार्य का सोमवार को जयपुर में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को बीकानेर में चौखूटी शमशान गृह में होगा

जैसा कि अमर सिंह राठौड़ रम्मत से जुड़े दीनदयाल आचार्य ‘सन्नू काका’, बद्री दास जोशी, एड. नवनीत नारायण व्यास व शेखर आचार्य ने बताया

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