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बीकानेर, वरिष्ठ साहित्यकार-शिक्षाविद डॉ. मदन केवलिया का उनकी सुदीर्घ शैक्षणिक व साहित्यिक सेवाओं के लिए शिक्षक दिवस पर रविवार को उनके निवास स्थान पर सम्मान किया गया। इस दौरान शिक्षाविदों, जनप्रतिनिधियों, साहित्यकारों द्वारा डॉ. केवलिया को सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह, श्रीफल, शॉल, पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर डॉ. केवलिया ने कहा कि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन दें व उनके शैक्षणिक व चारित्रिक उन्नयन हेतु सजगता से प्रयास करें, जिससे विद्यार्थी सुयोग्य नागरिक बनकर देशसेवा करें।
पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद ने कहा कि डॉ. केवलिया के अनेक शिष्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर, देश-विदेश में बीकानेर का नाम रोशन किया है। राजकीय डूंगर कॉलेज में सहआचार्य डॉ. एजाज अहमद ने कहा कि डॉ. केवलिया उम्र के इस पड़ाव पर व अस्वस्थता के बावजूद सतत् साहित्य सृजन कर रहे हैं, इससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। राजकीय डूंगर कॉलेज में सहआचार्य डॉ. नवदीप सिंह बैंस ने कहा कि डॉ. केवलिया एक आदर्श शिक्षक रहे हैं। प्रधानाचार्या शशि बेसरवारिया ने कहा कि डॉ. केवलिया ने हिंदी, राजस्थानी, उर्दू, ब्रज, अंग्रेजी आदि अनेक भाषाओं में साहित्य रचा है। बीकानेर पापड़-भुजिया मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि डॉ. केवलिया के व्यक्तित्व-कृतित्व से प्रेरणा लेकर उनके अनेक शिष्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट स्थान हासिल किया है।
साहित्यकार डॉ. प्रमोद चमोली ने कहा कि डॉ. केवलिया ने उत्कृष्ट साहित्य सृजन किया है। पूर्व सहआचार्य डॉ. हरिशंकर मारू ने कहा कि डॉ. केवलिया ने समाज में व्याप्त विसंगतियों को साहित्य के माध्यम से उजागर किया है। स्कूल व्याख्याता रीटा आहूजा, चन्द्रेश सिहाग व मनोज कल्ला ने कहा कि डॉ. केवलिया ने शिक्षा व साहित्य दोनों क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य किया है। अनवर अजमेरी ने कहा कि डॉ. केवलिया का अनेक भाषाओं पर समान अधिकार है।
एम. डी. डिग्री महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मिर्जा हैदर बेग ने संचालन करते हुए कार्यक्रम की महत्ता बताई। कथाकार शरद केवलिया ने आभार व्यक्त किया।
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