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बीकानेर,राजस्थानी भाषा के मर्मज्ञ कवि डॉ गौरीशंकर प्रजापत को पंडित मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर मरूभूमि शोध संस्थान ने प्रदान किया है। इस दौरान कवि लक्ष्मणदान कविया को महाराणा प्रताप राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार, किरण राजपुरोहित ‘नितिला’ को सूर्य प्रकाश बिस्सा स्मृति पुरस्कार, बाल साहित्य लेखिका विमला नागला को कला डूंगर कल्याणी स्मृति राजस्थानी बाल साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में ग्यान गोठ के तहत ‘राजस्थानी भासा रै सबदां री अंवेर अर परोटण रो आंटो’ विषय पर व्याख्यान भी हुआ। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार वेद व्यास व डॉ गजादान चारण ने अपने विचार रखे। उन्होंने राजस्थानी भाषा मान्यता को लेकर राजनेताओं पर कड़े प्रहार किए।

इस दौरान विमला नागला की पुस्तक बातां री मुळक, किरण राजपुरोहित के लघुकथा संग्रह ‘आंख्यांळा आंधा, श्रीभगवान सैनी के कहानी संग्रह निरदोख उणियारो का लोकार्पण भी हुआ। कार्यक्रम में रामचन्द्र राठी, सत्य नारायण योगी, सत्यदीप, बजरंग शर्मा, भंवर भोजक, विमल भाटी, राकेश किराडू, विनोद सिखवाल, प्रशांत बिस्सा, डॉ. के. सी सोनी, मनमोहन कल्याणी, डॉ. चेतन स्वामी, डॉ भंवर भादानी, गणेश बैरवा, तुलसीराम चोरडिया, पृथ्वीराज रतनू, विजय महर्षि, महावीर माली,
डॉ. विनोद सुथार, मनीष शर्मा, दया शंकर शर्मा, सोहन लाल ओझा, गोपीचंद नाई की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सफल संयोजन युवा कवयित्री मोनिका गौड़ ने किया।

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