बीकानेर,राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान में सहायक आचार्य उर्दू के पद पर कार्यरत डॉ.फखरुन्निसा को उर्दू भाषा,साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय उर्दू प्रोफेसर अवार्ड के लिए राष्ट्रीय उर्दू शिक्षक कर्मचारी संघ (पंजीकृत )की ओर से महाविद्यालय श्रेणी में राष्ट्रीय उर्दू पुरुस्कार के लिए चयनित किया गया है.
इस पुरुस्कार के लिए संघठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनाब वासिल अली की अध्यक्षता वाली चयन समिति की तरफ से देश भर से कुल 100लोगों को चयनित किया गया है. यह सम्मान हर वर्ष भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषा, साहित्य और शिक्षा एवं अध्यापन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है. बीकानेर शहर के जोशीवाड़ा, कोटगेट निवासी डॉ. फखरुन्निसा की सम्पूर्ण शिक्षा उदयपुर राजस्थान में हुई. एम. ए. उर्दू गोल्ड मेडलिस्ट, यूजीसी नेट जेआरएफ, सेट क्वालिफाई फखरुन्निसा बानों ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से उर्दू में पीएच. डी. की डिग्री हासिल की. डॉ. बानों ने 50 के लगभग राष्ट्रीय तथा 15 अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में शोधपत्र प्रस्तुत किए तथा, 15 शोधपत्र विभिन्न यूजीसी केयर लिस्टेड पत्र पत्रिकाओं , आईएसबीएन पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं.डॉ. साहिबा उर्दू भाषा के विकास के लिए निःशुल्क उर्दू पढ़ाने के साथ साथ निःशुल्क कैरियर काउंसलिंग भी करती हैं.शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत डॉ.फखरुन्निसा सहायक आचार्य पद पर अपनी चौथी राजकीय सेवा दे रही हैं. इससे पहले तीन राजकीय सेवाओं से कार्यमुक्त हो चुकी हैं.
डॉ. बानों को ये अवार्ड 3नवंबर 2024को देहली के प्रसिद्ध हॉल, ग़ालिब अकादमी में दिया जायेगा.इस अवार्ड के लिए वो चयन का श्रेय.अपनी माँ मुमताज़ बेगम, पिता जनाब हसनुद्दीन,शौहर ख़ान अब्दुल रहमान, परिवार के साथ अपने शिक्षकों और महाविद्यालय साथियों को देती हैं.