
बीकानेर,आचार्य तुलसी के 29वें महाप्रयाण दिवस के अवसर पर “नैतिकता का शक्तिपीठ” के तत्वावधान में आयोजित बुद्धिजीवी सम्मेलन में आज समाजसेवी और प्रेरक वक्ता डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रभावशाली उद्बोधन दिया।
सम्मेलन में डॉ. श्रीमाली ने आचार्य श्री के चिंतन और जीवन को आज की पीढ़ी के लिए अत्यंत प्रासंगिक बताते हुए कहा—
“आचार्य तुलसी की वाणी में भविष्य की दृष्टि थी, जो आज भी मानव मात्र के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है।”
अपने संबोधन में उन्होंने नशा मुक्ति जैसे ज्वलंत विषय पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। आँकड़ों और अनुभवों के आधार पर बताया कि कैसे यह सामाजिक दानव नई पीढ़ी को खोखला कर रहा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि—
“संस्कार शिक्षा ही वह शक्ति है जो समाज को इस अंधकार से निकाल सकती है।”
इस अवसर पर आयोजकों द्वारा उन्हें एक विशेष सम्मान चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
डॉ. श्रीमाली ने इस सम्मान को एक “जिम्मेदारी” बताया, न कि केवल एक ट्रॉफी।
कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष गणेशमल बोथरा और मंत्री दीपक आंचलिया सहित कई समाजसेवियों और प्रबुद्धजनों ने डॉ. श्रीमाली के विचारों की सराहना की।