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बीकानेर,कुछ दिन पहले बीकानेर निवासी राहुल वर्मा (बदला हुआ नाम) के साथ शेयर मार्केट में 92 लाख की ठगी हुई। एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को शेयर ब्रोकर बताकर राहुल को यह यकीन दिलाया कि वो कुछ ही महीनों में उसके पैसे को दोगुना कर देगा।

फर्जी ऐप पर मोटा मुनाफा, नकली ग्राफ्स, झूठे पोर्टफोलियो और हाई-रिटर्न स्कीम्स दिखाकर राहुल को गुमराह किया गया। बिना ज्यादा जांच-पड़ताल के उसने बड़ी राशि ट्रांसफर कर दी और यहीं से उसकी सबसे बड़ी भूल शुरू हुई।

लेकिन एक राहत की बात ये रही कि जब राहुल 35–40 लाख रुपये और निवेश करने जा रहा था, तभी एक परिचित ने उसे वैथोनिक फाइनेंसियल सर्विसेज के संपर्क में लाया।

वेथोनिक के संस्थापक एवं सीईओ श्री पीयूष शंगारी ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया और राहुल को आगाह किया।

हमने राहुल को समझाया कि ये लालच नहीं, एक जाल है। हमने उसे सिर्फ रोका नहीं, बल्कि साइबर हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करवाने और आगे की कानूनी प्रक्रिया में भी मदद की। –पीयूष शंगारी

पीयूष शंगारी का जनता के लिए स्पष्ट संदेश:

1️⃣ लालच में ना आएं, नहीं तो मेहनत की कमाई डूब सकती है।
2️⃣ ऐप्स या वेबसाइट्स पर दिखाए जा रहे मुनाफे और डैशबोर्ड नकली हो सकते हैं – सतर्क रहें।
3️⃣ अगर इतनी आसानी से पैसे बनते, तो दुनिया में कोई भी मेहनत क्यों करता?
4️⃣ पैसा लगाने से पहले किसी भरोसेमंद जानकार या SEBI रजिस्टर्ड ब्रांड से राय जरूर लें।

⚠️ नई धोखाधड़ी की चालें – सतर्क रहें:

कुछ फर्जी लोग खुद को इतना सच्चा दिखाते हैं कि लगता है इनसे भरोसेमंद कोई हो ही नहीं सकता।
वे लोग जाली सेबी प्रमाणपत्र दिखाते हैं, फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स बनाते हैं और लोगों को भ्रमित करते हैं।

दुर्भाग्य से, ज़्यादातर लोग इन सर्टिफिकेट्स की दोबारा पुष्टि नहीं करते – और यहीं धोखा हो जाता है।

NSE के अनलिस्टेड शेयरों में भी अब फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है।
कुछ लोग इन शेयरों को कम रेट पर बताकर पैसों की मांग करते हैं – वो भी किसी अनजान अकाउंट में।
बाद में न तो शेयर मिलते हैं और न ही पैसे वापस।
यह फोन कॉल्स, व्हाट्सएप मैसेज, या फर्जी वेबसाइट्स के जरिए हो रहा है।

इससे बचने के लिए हमेशा किसी जानकार व्यक्ति से ही संपर्क करें या किसी भरोसेमंद ब्रांड के साथ ही डील करें। नहीं तो आपका मेहनत का पैसा हमेशा के लिए चला सकता है।

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