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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं बावनभेरू सेवा समिति पुष्कर के तत्वाधान में बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज और संत मनु जी महाराज के द्वारा भारत के प्रसिद्ध होटल फाउंडरग्रुप श्याम दरबार के मालिक उधोगपति कमल अग्रवाल की यजमानी में भागवत भवन में भव्य हवन यज्ञ अनुष्ठान एवं पर्यावरण भक्ति प्रवचन माला का भक्तिमय अनुष्ठान हुआ। जिसके अंतर्गत विष्णु सहस्त्रनाम एवं श्री सुक्तमजी के पाठ से सहस्त्र आहुतियां पर्यावरण शुद्धिकरण हितार्थ दी गई।। उपरोक्त अवसर पर पर्यावरण भक्ति प्रवचन माला का उद्बोधन करते हुए बाल संत श्रीछैल विहारी महाराज ने कहा। कि सेवा कार्य एवं भक्ति के अनुष्ठान सदैव निस्वार्थ भाव से करना ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है। क्योंकि स्वार्थ पूर्वक की गई भक्ति जीवात्मा के जीवन में अहंकार का भाव लाती है। बालसंत ने कहा कि सेवा भक्ति कार्यों में उत्तम एवं श्रेष्ठ कोटी की माया कोही सेवा साधना एवं अनुष्ठान कार्यों में लगाना चाहिए। बालसंत ने कहा कि सेवा भक्ति अनुष्ठान कार्यों सदैव दान दक्षिणा सोच विचार कर ऐसे अधिकारी भक्त से लेवे जो आपको प्रेम और भावपूर्ण दान दक्षिणा देकर स्वयं का सौभाग्य समझे। आपको दान पुण्य करने वाले में अगर दान करने के बाद में किसी प्रकार का गर्व या अहंकार दिखाई देवे तो ऐसा दान कदापि ग्रहण न करें। क्योंकि ऐसा दान देने वाला और दान लेने वाला दोनों ही सेवा साधन भक्ति का अपमान करने वाले माने गए हैं। सदैव श्रेष्ठ एवं उत्तम लक्ष्मी ही सेवा भक्ति कार्यों एवं हवन यज्ञ धर्म अनुष्ठानों में प्रयोग की जानी चाहिए।। बालसंत ने बताया बाल संत ने बताया कि दान देने वाला जितना श्रेष्ठ नहीं है।। उतना श्रेष्ठ दान लेने वाला माना गया है। बशर्तें उसका दान का उपयोग सतमार्ग एवं सत्कार्यों के लिए करें। इसके साथ साथ प्रकृति पर्यावरण संवर्धन में पेड़ पौधों का रोपण करने के साथ-साथ प्रत्येक प्राणी को घर में 10 मिनट हवन यज्ञ अवश्य करना चाहिए। क्योंकि हवन यज्ञ के द्वारा मन बुद्धि चित्त की शुद्धता एवं पर्यावरण की शुद्धि संभव है। प्रत्येक प्राणी पर्यावरण को शुद्ध रखकर आने वाली पीढ़ी को अनमोल विरासत और उपहार स्वरूप प्रदान कर सकता है।। सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर बाल संत श्रीछैल बिहारी जी महाराज एवं संत मनुजी जी महाराज के द्वारा हरिद्वार के श्री माता वैष्णो मंदिर हरिद्वार गंगा तट में उद्योगपति भामाशाह कमल कुमार अग्रवाल की यजमानी में पर्यावरण संरक्षण हेतु हवन यज्ञ के साथ में हजारों पौध वितरण किए जाएंगे

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