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बीकानेर,कोरोना महामारी के बाद अब शायद डॉग फ्लू इंसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है. एक नए चीनी अध्ययन के मुताबिक, तथाकथित डॉग फ्लू मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए अधिक करीब बढ़ रहा है.

H3N2 एवियन इंफ्लुएंजा वायरस (जो पक्षियों में अत्यंत संक्रामक और घातक होता है) 2006 के आसपास कुत्तों में सफलतापूर्वक जंप कर गया था.

चीन कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा eLife में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यह मानव जैसे रिसेप्टर को बेहतर से पहचानने के लिए स्थिर हो रहा है और उससे मानवों को भी संक्रमित करने की संभावना है. अध्ययन कहता है कि हमारे परिणाम दिखाते हैं कि कुत्ते कैनाइन के इन्फ्लूएंजा वायरस के माध्यम से मानवों के लिए रूपांतरण होने में मध्यस्थ के रूप में काम कर सकते हैं. अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि उन लोगों के लिए जो कुत्तों के इस वायरस के विरुद्ध प्रतिरक्षा शक्ति से वंचित होते हैं, यह चिंता का कारण हो सकता है

पक्षियों की आबादी में बर्ड फ्लू तेजी से फैलता है, लेकिन जानवरों को सफलतापूर्वक संक्रमित करने की क्षमता के बिना, मानव-से-मानव संचार की चिंता अभी तक अपेक्षाकृत कम ही रही है. जबकि यह मानवों के लिए एक खतरा है जो बर्ड फ्लू से संपर्क में आते हैं, वायरस से संक्रमित रिसेप्टर अणु प्रारंभिक संक्रमण से परे वायरस को अन्य मनुष्यों तक नहीं पहुंचाता है. यह सब एक स्तनधारियों में वायरस के सफल अनुकूलन के साथ बदल सकता है, खासकर अगर वह स्तनधारियों मानव संचरण के प्रति अतिरिक्त अनुकूलन दिखा रहा हो.

क्या है डॉग फ्लू?
डॉग फ्लू एक वायरल रोग होता है जो कुत्तों में फैलता है. यह रोग एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस होता है जो कुत्तों के साथ बैठने वाले और उनसे संपर्क में आने वाले लोगों को बीमार कर सकता है. इस रोग के लक्षणों में बुखार, खांसी, जुकाम, थकान और दर्द शामिल हो सकते हैं. यह रोग कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बना रहता है और उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाना पड़ सकता है.

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