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बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेज में इंटर्न डॉक्टर और कॉलेज का स्टाफ आमने-सामने हो गए हैं। इंटर्न डॉक्टर्स ने हड़ताल कर दी है। वार्ड-आउटडोर छोड़कर कॉलेज के गेट के सामने धरना लगाकर बैठ गए हैं। कॉलेज के लेखा शाखा से जुड़े अधिकारी सहित मंत्रालयिक कर्मचारी भी डॉक्टर्स के व्यवहार से नाराज होकर विरोध जताने प्राचार्य के पास पहुंचे।

इंटर्न डॉक्टर्स का कहना है कि तीन महीने से स्टाइपंड नहीं मिल रहा। प्रदेश के सभी कॉलेजों में हर महीने यह स्टाइपंड मिलता है। बीकानेर में समय पर नहीं मिलने की वजह यह है कि कॉलेज का स्टाफ सहयोग नहीं करता। जानबूझकर आनाकानी और देरी करता है। ऐसे में डॉक्टर्स को आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ रहा है।

वार्ड से आउटडोर तक 250 डॉक्टर्स की सेवाएं बंद
इंटर्न की हड़ताल का असर यह हुआ कि वार्ड से आउटडोर, ओटी से लेबर रूम तक ट्रीटमेंट में सहयोग करने वाले 250 डॉक्टर्स की सेवाएं मिलना बंद हो गई। जाहिर है इसका परिणाम अंततः मरीजों को ही भुगतना पड़ रहा है।

बातचीत में बदसलूकी करते हैं डॉक्टर दूसरी ओर स्टाइपंड की मांग को लेकर लेखा शाखा में गए इंटर्न की वहां नियुक्त स्टाफ से कहासुनी हो गई। लेखा का काम देखने वाले श्रीधर बिस्सा को डॉक्टर ने भला-बुरा कह दिया। ऐसे में इस शाखा के सारे कर्मचारी काम छोड़कर कॉलेज के मैन हॉल मे जमा हो गए। धीरे-धीरे कॉलेज के दूसरे मंत्रालयिक कर्मचारी भी इनके समर्थन में जुटते गए। इन्होंने प्राचार्य को मिलकर मामले की जानकारी दी। कहा-कार्यबोझ बहुत ज्यादा है। इसके बावजूद सभी काम समय पर करने का प्रयास कर रहे हैं। कई कामों में सरकार या प्रशासन की ओर से तकनीकी दिक्कतें रहने से लंबित हो जाते हैं। बात-बात पर बदसलूकी हो रही है। मारपीट जैसी भी नौबत आ रही है। ऐसे में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएं।

इंटर्न डॉक्टर्स की विभागवार उपस्थिति समय पर नहीं पहुंच पाती। मसलन, जून महीने मे ही छह जून को उपस्थिति का रिकॉर्ड पहुंचा है। अगले ही दिन यानी सात जून को बिल बनाकर ट्रेजरी भेजे गए। अब बिल स्वीकृत होकर भुगतान होने में प्रक्रियागत वक्त लगता है।

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