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बीकानेर,राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सरकार व प्राइवेट हॉस्पिटल्स के चिकित्सकों में गतिरोध जारी है। जहां एक तरफ सरकार इस बिल को वापस नहीं लेना चाहती तो दूसरी और चिकित्सक इस बात पर अड़े हुए है कि यह बिल वापस होना चाहिए। बीकानेर में प्राइवेट हॉस्पिटल्स के  चिकित्सकों ने साफ कर दिया कि वे किसी भी सूरत में उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं होने तक काम पर नहीं लौटेंगे और आंदोलन जारी रहेगा। इसको लेकर आज जिला उद्योग संघ में प्रबुद्वजन से संवाद कार्यक्रम रखा गया। जिसमें चिकित्सकों ने बिल को लेकर अपना पक्ष रखा। साथ ही निर्णय लिया कि वे आज से सरकार की सभी योजनाओं में काम भी नहीं करेंगे। फिर भी अगर सरकार उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं करती है तो सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन किया जाएगा। डॉक्टर्स ने कहा कि जयपुर में 70 प्रतिशत रेंजिडेंट्स डॉक्टर्स उनके साथ हड़ताल पर है। बाकी जिलों में जो रजिडेंट्स काम पर लौट गए हैं उनको भी साथ लाने का प्रयास किया जाएगा। डॉक्टर्स ने कहा कि रेजिडेंट्स डॉक्टर्स दिल से उनके साथ ही है, जरूरत पड़ी तो वे दूबारा उनके साथ आ जाएंगे।डॉक्टर्स ने कहा कि गुरुवार को चिकित्सकों एक प्रतिनिधि मंडल से सीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत हुई। जिसमें सीएम ने प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को नियुक्त किया। डोटासरा से जब डॉक्टर मिले तो उन्होंने कहा कि वे इस क्षेत्र के व्यक्ति नहीं है, इसलिए उन्हें इस संबंध में ज्यादा ध्यान नहीं है। पूरे मामले को समझने व जानने के लिए उच्चाधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाएगी। डॉक्टर्स ने कहा कि अगर इस लेवल के बड़े नेता को यह बात समझ नहीं आती, हो सकता है सरकार डॉक्टर्स से इस संबंध में बात ही नहीं करना चाहती हो। सरकार मीडिया के माध्यम से जनता तक ये संदेश पहुंचा रही है कि हम बात कर रहे है, लेकिन चिकित्सक मान नहीं रहे।डॉक्टर्स ने कहा कि राजस्थान की 88 प्रतिशत लोग किसी न किसी इंश्योरेंस से जुड़ी हुई है, जिनके माध्यम से उनका ईलाज पहले से मुफ्त में हो रहा है तो ऐसे में नया बिल को लाने में सरकार को कहां जरूरत पड़ गई? चिकित्सकों ने कहा कि इस बिल के माध्यम से सरकार केवल और केवल चुनावी फायदा लेना चाहती है क्योंकि इस वर्ष विधानसभा के चुनाव होने है और वोट बंटोरने है।उधर शाम को पुरानी जेल से एक रैली निकाली गई।

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