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बीकानेर,राजस्थान में कांग्रेस सरकार की विडम्बना पूर्ण स्थितियों में गहलोत औऱ सचिन समर्थकों के बीच सत्ता में पावर हथियाने के खातिर ताकत दिखाने की किसी ने कोर कसर नहीं छोड़ी। इशारों इशारों में किसने क्या क्या नहीं कहा। अभी भी इशारों में राजनीतिक ताकत हथियाने में सांप सीढ़ी का खेल ही चल रहा है। इशारों में, बयानों में औऱ शक्ति प्रदर्शन में किसी ने कोई कमी नहीं रखी। कांग्रेस के आला कमान भी सांप सीढ़ी के खेल का हिस्सा बनकर रह गए। इस बीच भाजपा में अस्तित्व की लड़ाई में इशारों इशारों में एक दूसरे को समझाने में लगे हैं। पोस्टर से गायब वसुन्धरा राजे अपने समर्थकों के साथ लोगों के दिल में बैठने का अहसास दिलाने लग गई। राजस्थान में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का वसुंधरा को लेकर रवैये को भी इशारों से समझाया जाने लगा है। वसुन्धरा के पक्ष में स्वर उठने लगे हैं। और तो औऱ कांग्रेस और भाजपा में युवाओं ने रैली और प्रदर्शन के माध्यम सत्ता के कर्णधारों को अपना अपना इशारा कर दिया है। अगले साल तो प्रदेश में चुनावी गतिविधियों का दौर ही रहना है। इस साल के राजनीतिक इशारे भावी राजनीतिक व्यूह रचना का आधार ही तो है । यह बात समझने वाले तो समझ ही रहे हैं ।

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