बीकानेर, बाल अधिकारिता मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना तथा इन्हें प्रभावी तरीके से लागू करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी श्रृंखला में विभाग द्वारा संभाग स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, जिससे बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े अधिकारी अपने दायित्व एवं कर्त्तव्यों को समझ सकें।
श्रीमती भूपेश शनिवार को हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन सभागार में बाल अधिकारिता विभाग और बाल संदर्भ केन्द्र जयपुर के संयुक्त तत्वावधान् में बाल संरक्षण पर आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। इन्हें आगे बढ़ने का बेहतर माहौल मिले तथा विभिन्न कारणों से पीछे रह रहे बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके, इसके लिए सतत प्रयास किए जाएं। बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरुकता आए। उन्होंने कहा कि जिला बालश्रम के कलंक से मुक्त रहे, इस दिशा में भी प्रभावी कार्यवाही की जाए।
बाल अधिकारिता मंत्री ने कहा कि समाज में बेटे और बेटी का फर्क मिटे, इसके लिए सरकार सतत प्रयासरत है। इन प्रयासों से प्रदेश का लिंगानुपात सुधरा है। आगे भी ऐसे प्रयास सतत रूप से किए जाएंगे। उन्होंने बाल सुधार गृहों में रहने वाले बच्चों को विभिन्न ट्रेड्स के कौशल प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए तथा कहा कि इन केन्द्रों में बेहतर माहौल रहे। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के दौरान विभाग की कार्यवाही और भावी योजना पर मंथन हो तथा इसमें आने वाली संभावित चुनौतियों का चिन्हीकरण किया जाए।
श्रीमती भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार सतत रूप से जन कल्याण की भावना के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा, पुरानी पेंशन योजना जैसी पहल की गई है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की भावना अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति की मदद करते हुए उसे मुख्यधारा से जोड़ना है। प्रत्येक अधिकारी सरकार की मंशा को समझे और निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन करें।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए जिला स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
बाल अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त निदेशक रीना शर्मा ने कहा कि अब तक जयपुर और उदयपुर में संभाग स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, एसीएम रीपा के अतिरिक्त निदेशक अरुण प्रकाश शर्मा तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार बतौर अतिथि मौजूद रहे। कार्यशाला में बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, महिला अधिकारिता की उपनिदेशक मेघारतन, राजकीय संप्रेषण गृह के अधीक्षक अरविंद आचार्य, संभाग के चारों जिलों के विभागीय अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई एवं किशोर न्यास बोर्ड के सदस्य, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
कार्यशाला के दौरान बाल संरक्षण विशेषज्ञ सिंधू बिनूजीत, यूनिसेफ के सलाहकार गोविंद बेनीवाल सहित विभिन्न वक्ताओं ने अलग-अलग विषयों पर व्याख्यान दिए।
*ई-मैगजीन शक्ति का किया विमोचन*
इस दौरान महिला अधिकारिता मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने जिला प्रशासन द्वारा जन्म के समय लिंगानुपात सुधारने तथा बेटियों एवं महिलाओं को आगे बढ़ने का बेहतर माहौल उपलब्ध करवाने के लिए संचालित ‘शक्ति’ अभियान की ई-मैगजीन का विमोचन किया। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने अभियान की रूपरेखा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ई-मैगजीन में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं के संघर्ष की कहानियों, अभियान की गतिविधियों सहित विभिन्न का संकलन किया गया है। इसका प्रकाशन प्रतिमाह किया जाएगा।
*बालिका गृह का किया निरीक्षण*
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भूपेश ने महिला थाने के पास स्थित बालिका गृह का निरीक्षण किया। उन्होंने गृह की क्षमता, यहां आवासित बालिकाओं, इनके भोजन, साफ-सफाई, मनोरंजन एवं शिक्षा की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। आवासित बालिकाओं से बातचीत की। उन्होंने पालना गृह, संप्रेषण गृह तथा कल्पना चावला कक्ष का निरीक्षण किया। केन्द्र की सुरक्षा के प्रति विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस दौरान गृह अधीक्षक शारदा चौधरी, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. किरण सिंह, हर्षवर्द्धन, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य अरविंद सिंह सैंगर और किरण गौड़ आदि मौजूद रहे।
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