Trending Now




बीकानेर, खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया की अध्यक्षता में सम्भाग के माइंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों और खनन विभाग के अधिकारियों की बैठक शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
इस अवसर पर खान मंत्री ने कहा कि राजस्थान में प्रचुर मात्रा में खनिज सम्पदा विद्यमान है। इसका सदुपयोग हो, यह मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की भावना है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नई माइनिंग पॉलिसी तैयार की जा रही है, जिससे रोजगार की संभावनाएं तथा सरकार की आय बढ़ सके। उन्होंने कहा कि नई नीति बनाने से पूर्व अन्य राज्यों की खनन नीतियों का अध्ययन किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए, प्रत्येक क्षेत्र की खनन सम्बंधी समस्याओं को सुनने और सुझाव प्राप्त करने के अलावा इनके समाधान के लिए सम्भाग स्तर पर संवाद प्रारम्भ किए गए हैं। इन संवाद कार्यक्रमों के दौरान माइनिंग क्षेत्रों से प्राप्त समस्याओं को सुना जा रहा है। इनमें से प्रत्येक व्यवहारिक सुझावों को नई नीति में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर क्षेत्र की क्ले, बजरी, जिप्सम, हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर की पोटाश और जैसलमेर-बाड़मेर क्षेत्र की पेट्रोलियम और क्रूड ऑयल से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जा सके, इसके मद्देनजर नई खनिज नीति में खनन से जुडे़ हर वर्ग के हित में प्रावधान रखे जाएंगे।
*खनन प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता से हो डीएमएफटी फंड का उपयोग*
उच्च शिक्षा मंत्री भँवर सिंह भाटी ने कहा कि डीएमएफटी फंड की राशि खनन व खनन प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता से व्यय की जाए, जिससे इन क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा सके। उन्होंने कहा कि कपिल सरोवर जन-जन की आस्था का केन्द्र है, यहां राजस्थान, पंजाब व अन्य राज्यों से लोग आते हैं। सरोवर में सफाई के लिए आवश्यक संसाधन और स्वच्छता गतिविधियों के लिए डीएमएफटी फंड से राशि स्वीकृत की जाए। उन्होंने लिग्नाइट आरक्षित क्षेत्र, जिप्सम व अन्य खनिज से संबंधित समस्याओं के बारे में बताया और इनके निस्तारण के लिए कहा।
खाजूवाला विधायक गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि खनन से जुडे़ लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिले तथा युवाओं को इसमें अधिक से अधिक रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि 2018 के बाद जिप्सम लाइसेंस के आवेदनों का निस्तारण किया जाए।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि प्रस्तावित खनन नीति के सम्बन्ध में सुझावों के लिए पहली बैठक बीकानेर सम्भाग में आयोजित की गई है। प्रदेश में खनन नीति लागू करने से पूर्व मध्यप्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों की खनन नीति का अध्ययन किया गया है। राज्य सरकार की यह मंशा है कि ऐसी नीति तैयार हो जो खनन से जुड़े सभी वर्गों के लिए लाभदायी हो। खनन से जुड़े लोगों द्वारा दिए गए नीतिगत और प्रशासनिक सुझावों का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा।
*जिले मे दो सौ प्रकरणों का किया निस्तारण*
बैठक के दौरान खान मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जिले में जिप्सम परमिट से सम्बंधित प्रकरणों का निस्तारण लंबे समय बाद प्रारम्भ हुआ है। ऐसे सभी प्रकरणों का अविलम्ब निस्तारण किया जाए, इस सम्बंध में जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि हाल ही में जिले के दो सौ प्रकरण निस्तारित किए गए हैं। बाकी प्रकरणों का निस्तारण खान विभाग द्वारा प्राप्त सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रथमिकता से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीएमएफटी मद से अधिक से अधिक जनोपयोगी कार्य करवाए जाएं, इसके लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग द्वारा अवैध खनन के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है, माइंस एसोशिएशन से जुड़े लोग भी इसमें अपना योगदान दें।
खान एवं भू विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. के. बी. पंड्या ने बैठक का संचालन किया। उन्होंने बैठक की रूपरेखा के बारे में बताया।
इस दौरान बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के माइन्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी।

Author