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बीकानेर,संभागीय आयुक्त डॉ.नीरज के. पवन ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी को अर्द्ध शासकीय पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने नर्सिंग आफिसर्स के 50-100 के समूह बनाकर हर महीने दो बार आवश्यक विषयों पर टीचिंग फैकल्टी के रूप में सभी विभागों के सीनियर चिकित्सकों एवं नर्सिंग कॉलेज टीचर्स का सहयोग लेकर नर्सिंग स्टाफ की कक्षाएं तथा अपने अनुभव नर्सेज से साझा कर उन्हें मार्गदर्शन करने का कहा है।
उन्होंने कहा है कि इस कार्य के लिए जीएनएम नर्सिंग स्कूल में दानदाताओं द्वारा निर्मित नए स्मार्ट क्लास रूम का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वार्डों में मरीजों को दी जाने वाली नियमित चिकित्सा एवं नर्सिंग सेवाएं बाधित न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि राज्य सरकार, आम जनता को उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इसी क्रम में चिकित्सक अपना प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद कॉन्फ्रेन्स, सिम्पोजियम, सेमिनार, दवा प्रतिनिधियों आदि के माध्यम से उपचार व निदान की नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त करते रहते हैं। इसे कंटीन्यूअस मेडिकल एजुकेशन कहा जाता है। लेकिन नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण के बाद चिकित्सकों की तरह आधुनिक तकनीक, इलाज की नई विधियों, रोगियों की सेवा के लिए नई-नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है। इस कारण नर्सिंग स्टाफ, उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवाएं बेहतर तरीकों से नहीं दे पाते हैं।
इसके मद्देनजर उन्होंने नर्सेज की कार्यकुशलता में वृद्धि तथा रोगियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नर्सेज को नई बीमारियों व उनके उपचार की नवीनतम तकनीकों सहित नर्सिंग केयर, नर्सिंग प्रोसीजर की विभिन्न नवीनतम विधियों, आई.सी.यू. सेवाएं, आपातकालीन सेवाएं सुपर स्पेशियलिटी, पेशेन्ट केयर तथा नर्सेज व रोगियों के बीच बेहतर संवाद और चिकित्सकों के साथ समन्वय के लिए यह प्रशिक्षण दी जाएं। इस दौरान मनोविज्ञान की नई विधियों इत्यादि विषयों पर निरन्तर ज्ञान वृद्धि के के लिए नर्सिंग स्टाफ एवं चिकित्सकों द्वारा अनुभव की जाती रही है। इसे दृष्टिगत रखते हुए नर्सिंग स्टाफ की कार्यकुशलता वृद्धि तथा उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवाएं रोगियों को उपलब्ध करवाये जाने के अनुक्रम में समय-समय पर आवश्यक शिक्षण एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता प्रतीत होती है। उल्लेखनीय है कि राजकीय पीबीएम चिकित्सालय में करीबन 1200 नर्सिंग आफिसर कार्यरत हैं।

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