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बीकानेर,दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा जस्सूसर गेट के बाहर स्थित महेश्वरी सदन में 5 दिवसीय श्री हरि कथा की शुरूआत शुक्रवार को दोपहर 3 बजे हुई। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज की विद्वान शिष्या साध्वी सुश्री सोमा भारती जी ने कथा का शुभारंभ करते हुए भागवत महापुराण में दर्ज राजा परीक्षित के जीवन चरित्र को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया तथा यह समझाया कि मनुष्य जीवन में मृत्यु को सुधारने के लिए अंतर्ज्ञान अत्यावश्यक है। जबकि वर्तमान समय में मनुष्य गुनाह और पापकर्म करता ही जाता है लेकिन उसके जीवन में प्रायश्चित का न महत्व है और न ही कोई स्थान है। साध्वी सोमा भारती ने बताया कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद मुजरिम अपने मन के अनुसार गुनाहों की दुनिया में प्रवेश तो कर गए लेकिन कारागार के भीतर राजा परीक्षित की भांति शापित जीवन ही व्यतीत कर रहे थे। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी ने उनको ब्रह्म ज्ञान की दीक्षा देकर वास्तविक ध्यान पद्धति को समझाया। गुरूदेव की कृपा से वे कैदी आंतरिक ज्ञान को पाकर स्वयं के ही नहीं समाज के भी मार्गदर्शक बन चुके हैं। इस मौके पर उपस्थित संस्थान की बीकानेर शाखा की मुख्य साध्वी गोपीका भारती ने अधिक से अधिक भक्तों को कथा श्रवण करने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान अनुपमा भारती, रीना भारती, सुहासिनी भारती ने भजनों के माध्यम से उपस्थित दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक स्वामी प्रेम प्रकाशानंद के अनुसार
समाजसेवी सुखदेव राठी, मानकलाल राठी, राधेश्याम राठी, सूरज करन, मंगला, भगवान दास राठी इत्यादि ने प्रभु की ज्योति जलाकर कथा का शुभारंभ किया।

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