बीकानेर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बीकानेर के ज़िला छात्र सम्मेलन शंखनाद2K23” का आयोजन महाराजा गंगासिंह विश्विद्यालय में आयोजित किया गया। आयोजन में कुल 2330 रजिस्ट्रेशन छात्रों द्वारा कराया गया। आयोजन के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय ठाकुर, मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक हितेश कुमार, स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ. अजय राजपुरोहित, स्वागत समिति सचिव विजय मोहन जोशी ने अपना उद्बोधन दिया। उद्घाटन सत्र में अपने उद्बोधन में अजय ठाकुर ने कहा कि व्यक्तिनिर्माण की कार्यशाला विद्यार्थी परिषद, कैंपस में राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाला विद्यार्थी परिषद, बीकानेर को गुवाहाटी से शील के माध्यम से जोड़ने वाला संगठन विद्यार्थी परिषद, कश्मीर के 465 स्थानों पर तिरंगा लहराने वाला विद्यार्थी परिषद, व्यक्ति निर्माण से राष्ट्रीय निर्माण करने वाला संगठन विद्यार्थी परिषद है ।
उद्घाटन सत्र के पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात दो प्रस्ताव पारित किये गये । प्रस्ताव 1 ज़िला संयोजक राधे धायल द्वारा अनुमोदित किया गया। प्रस्ताव निम्न प्रकार से रहा । किसी भी प्रदेश की समृद्धता एवं सुशासन वहां के नीतियों एवं नियमों का पारदर्शिता पूर्ण अमलता पर निर्भर करता है। जबकि इस समय राजस्थान में नीति-नियम एवं कानून व्यवस्था हर स्तर पर विफल एवं नकारा साबित हो रही हैं जहाँ प्रदेश की राजधानी एवं महानगरों में भूमाफियों तस्करों एवं बाहुबलियों द्वारा सरेआम गोलीबारी एवं आम जनता में आतंक फैला रहे हैं, जहाँ पुलिस एवं कानून व्यवस्था बेबस नजर आ रही हैं। इसी क्रम में भारतीय अर्थव्यवस्था नियामक केंद्र (सीएमआईई) के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी दर 4 प्रतिशत से बढ़कर 28.8 प्रतिशत हुई हैं। जहाँ इन चार सालों में प्रदेश के हर व्यक्ति पर 20 हजार का कर्ज बढ़ा हैं। वहीं प्रदेश में कोरोना काल के बाद आनलाइन मोड पर कार्य प्रणाली से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की नई समस्या उत्पन्न हुई है जिसके निस्तारण के लिए अभी तक कोई विशेष बेरोजगारी भते या अन्य सफल प्रसास नहीं किये गए हैं। इसी के साथ महिला सुरक्षा एवं बाल विकास के क्षेत्र में सरकार पूर्णत उदासीन नजर आ रही हैं जहां बलात्कार एवं छेड़छाड़ की घटनाओं में इन दिनों कई गुना वृद्धि हुई हैं जहाँ सरकार के मंत्री पुत्र तक इस प्रकार के कृत्यों में शामिल हैं। वही संगीन अपराध जैसे साइबर क्राइम, धोखाधड़ी एवं डैकेती आदि पर कोई नियंत्रण नजर नहीं आ रहा हैं वहीं प्रदेश में भूमाफिया एवं अवैध खनन में संलिप्त अपराधी तत्व सरेआम आपराधिक गतिविधिओ को सार्वजनिक स्थलों एवं सड़कों पर अंजाम दे रहे हैं। जहां सरकार मुक बधिर बनी हुई हैं। इसी क्रम में बीकानेर में युवक नशा खोरी एवं उड़ता पंजाब की तर्ज पर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उनके इन कृत्यों को रोकने के लिए सरकार के पास कोई दिशा निर्देश नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के लिए भूमि के अत्याधिक दोहन द्वारा कीटनाशकों अत्यधिक उपयोग किया जा रहा हैं जो कैंसर जैसी असाध्य बीमारी को खुला आमंत्रण दे रही हैं जिसकी परिणिति बीकानेर-गंगानगर क्षेत्र में कैंसर ट्रेन के रूप में देखी जा सकती हैं। इसी के साथ नोखा में इसाई मिशनरी द्वारा जबरन धर्मांतरण एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ हो रहे अत्याचारों पर लगाम लगे। वही प्रदेश के उद्योग क्षेत्र की स्थिति भी नाजुक हैं जो कोरोना काल के बाद अब तक पटरी पर नहीं आई हैं एवं कई मजदूर आज भी दो वक्त की रोटी को तरस रहे हैं। वही जहाँ लघु उद्योग लगभग विलुप्त हो चुके हैं। अतः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् बीकानेर यह माँग करता है कि प्रदेश में सरकार नीति नियमों एवं कानून व्यवस्था को दुरुस्त करें सुशासन के लिए अपनी प्रतिबद्धता तय करें।
प्रस्ताव 2 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ख़ुशबू मारू ने अनुमोदित किया । प्रस्ताव निम्न रहा : शिक्षा के प्रति उदासीन रवैया छोड़ संवेदनशील हो प्रदेश सरकार शिक्षा युवा वर्ग के भविष्य निर्धारण एवं प्रगति की प्रथम सीढ़ी है। नवीन शिक्षा नीति 2020 ( NEP-2020) जिसका लक्ष्य एक कुशल शिक्षा प्रणाली बनाना है, जिसमें सभी शिक्षार्थियों की सामाजिक–आर्थिक पृष्टभूमि के साथ उच्च गुणवता वाली शिक्षा के अवसर सुलभ करवाना हैं। जबकि प्रदेश में NEP-2020 के किर्यान्वयन के संदर्भ में कोई मापदंड प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में तय नहीं हुए हैं। वही प्रदेश में सभी स्तरों पर प्रवेश परीक्षा एवं परिणाम गत दो वर्षों से लंबित चल रहे हैं। हमारे विश्वविद्ययालय में शोध प्रवेश परीक्षा के लिए एक निश्चित आयोजन तिथि एवं समयावधि तय नहीं हैं तथा नियमवली भी अलग अलग रूपांतरित स्वरूप में लागू हैं। वही विद्यार्थी गत तीन वर्षों से निरंतर भर्ती प्रक्रियाओं के पेपर लीक प्रकरणों के कारण हतोत्साहित हो चुके हैं जबकि सरकार की तरहफ से अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई हैं। लगातार पेपर आउट की घटनाओं के कारण युवा वर्ग में भारी असंतोष व्याप्त है। वही स्कूली शिक्षा एवं महाविद्यलयों में शिक्षकों के स्थानातरण बिना स्थानांतरण नीति के, राजनैतिक तरीके से किये जो रहे हैं जबकि सरकार ने स्थानातरण नीति बनाने को आश्वासन इनके कार्यकाल के प्रारम्भ से ही किया था जो केवल कागजी दस्तावेज बन चूका हैं। इसी क्रम में उच्च शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए महाविद्यालय खोल दिए, परंतू उनका संचालन आज भी बिना भवन, शिक्षक एवं आधारभूत सुविधाओं के हो रहा हैं। जहा प्रदेश शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पद रिक्त पड़े हैं जिसमें लगभग 500 महाविद्यालयों में प्राचार्यों के पद रिक्त हैं। यहाँ तक की पुस्तकालय अध्यक्ष एवं शारीरिक शिक्षकों की नियुक्तियां तो कई सालों से लंबित हैं अतः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् बीकानेर जिला सम्मेलन में माँग करता हूँ की प्रदेश शिक्षा व्यवस्था में सुधारात्मक परिवर्तन के लिए त्वरित कार्यवाही कर प्रतिबद्धता तय की जाये।
दोनों प्रस्ताव ॐ ध्वनि की सहमति के साथ पारित किए गये । प्रस्ताव के पश्चात ज़िले भर से पधारी छात्र छात्राओं द्वारा भोजन किया गया । भोजन उपरांत 84 स्थानों, 65 महाविद्यालयों, 4 विश्वविद्यालयों व 12 विद्यालयों से पधारी छात्रशक्ति शोभायात्रा हेतु तुलसी सर्किल पहुँची।तुलसी सर्किल से बोथरा कॉम्प्लेक्स, प्रेम जी पॉइंट, सार्दूल सिंह सिंह सर्किल होते हुए, जूनागढ़ के आगे खुला मंच में सम्मिलित हुई । खुला मंच की शुरुआत छात्र नेताओ के भाषण से रही मुख्य वक्ता प्रांत मंत्री श्याम शेखावत ने राजस्थान सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि या तो सरकार अपनी नीतियाँ बदले, नहीं तो ये युवा सरकार बदलने की शक्ति भी अपनी भुजाओं में रखता है । प्रांत सहमंत्री मोहित जाजड़ा, विभाग संयोजक रवींद्र सिंह शेखावत,प्रांत कार्यसमिति सदस्य गोपाल कृष्ण व्यास, प्रांत खेलकार्य संयोजक हिमांशु सारस्वत, ज़िला संयोजक राधे धायल, महानगरSFD संयोजक वर्षा शर्मा उपस्थित रहे।