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बीकानेर,आत्मा सभागार में मंगलवार को कृषि विभाग द्वारा खाद्य एवं पोषण योजना अन्तर्गत कपास उत्पादन के प्रबन्धन पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजना किया गया। कार्यशाला संयुक्त निदेशक कृषि (वि) कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। चौधरी ने बताया कि कपास की खड़ी फसल में किसान डीएपी का उपयोग ना करें। टेक्निकल सेशन में स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के शष्य वैज्ञानिक डॉ. अमर सिंह गोदारा व काजरी के शष्य वैज्ञानिक डॉ. विजय सिंह राठौड़ ने बीटी कपास उत्पादन के प्रबन्धन से सम्बन्धित सभी बिन्दुओं जैसे बीज की उन्नत किस्मे, सिंचाई, खाद एवं उर्वरक प्रबन्धन, खरपतवार नियन्त्रण व उत्पादन गुणवत्ता इत्यादि के बारे में बताया। एसकेआरएयू के एसोसिएट प्रोफेसर कीट विज्ञान डॉ हनुमान लाल देशवाल व केवीके बीकानेर के कीट वैज्ञानिक डॉ केशव मेहरा ने कपास में कीटो के प्रभाव एवं नियन्त्रण उपायों के बारे में अवगत कराया। प्रो. भंवर देवी सिंह नाथावत ने कपास में लगने वाली विभिन्न एवं नियन्त्रण तकनीकी के सन्दर्भ में जानकारी दी। राशि सीडस के ऐरिया मैनेजर सन्तोष के नायक ने बी.टी. कपास में गुलाबी सुण्डी प्रबन्धन पर व्याख्यान दिया। प्रशिक्षण में बीकानेर के कृषि विस्तार, उद्यानिकी, आत्मा, सिचिंत क्षेत्र विकास, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला आदि के अधिकारी उपस्थित हुए। कार्यशाला में कृषि विभागीय अधिकारियों के साथ साथ 100 से अधिक प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे। कार्यशाला में कृषि विभागीय अधिकारी यशवन्ती, भैरा राम गोदारा, रघुवर दयाल, राजूराम डोगीवाल, सुभाष विश्नोई, ममता, मीनाक्षी, संगीता, कविता, मामराज, अब्दुल अमीन, महेन्द्र प्रताप, प्रदीप चौधरी, ओम प्रकाश तर्ड, धन्ना राम बेरड़ इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।

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