बीकानेर,राजस्थान शिक्षक संघ भगत सिंह द्वारा आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय शिक्षक सम्मेलन में शिक्षकों ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में वरिष्ठ पुस्तकालय अध्यक्ष के पद के सृजन और मिडिल स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की अनिवार्य नियुक्ति की मांग की। सम्मेलन के दौरान शैक्षणिक नवाचारों पर विशेष चर्चा की गई, जिसमें बच्चों की शिक्षा को अधिक प्रभावी और रुचिकर बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ।
महत्वपूर्ण मांगें
1. वरिष्ठ पुस्तकालय अध्यक्ष का पद:
शिक्षकों ने सरकार से अनुरोध किया कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में वरिष्ठ लाइब्रेरियन के पद का सृजन किया जाए। यह कदम न केवल पुस्तकों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेगा, बल्कि छात्रों में पढ़ने की आदत को भी प्रोत्साहित करेगा। पुस्तकालय अध्यक्ष का पद ज्ञान और शैक्षणिक वातावरण को समृद्ध करने के लिए अनिवार्य बताया गया, जिससे बच्चों का रुझान पढ़ाई और पुस्तकों की ओर बढ़े।
2. शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति:
सम्मेलन में मिडिल स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के पद अनिवार्य करने की मांग पर जोर दिया गया। शिक्षकों का मानना है कि खेल-कूद और शारीरिक गतिविधियाँ विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक विकास को समान रूप से बढ़ावा देती हैं। इस पहल से छात्रों में अनुशासन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा होगी, जिससे उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
नवाचार और अध्ययन के नए तरीकों पर चर्चा
सम्मेलन के अंतिम सत्र में एक विशेष गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें यह विचार किया गया कि बच्चों को सरल और प्रभावी तरीके से पढ़ाई में कैसे रुचि दिलाई जाए। शिक्षकों ने विभिन्न नवाचारों के उदाहरण प्रस्तुत किए, जिनमें शामिल थे:
खेल आधारित अधिगम तकनीकें:
अध्ययन को खेलों के माध्यम से रोचक और आकर्षक बनाया जाए, जिससे बच्चे सीखने के प्रति उत्साहित रहें।
प्रायोगिक गतिविधियों द्वारा व्यावहारिक शिक्षा:
बच्चों को व्यावहारिक और अनुभवात्मक गतिविधियों में शामिल कर उन्हें पाठों से जुड़ी वास्तविक समझ दी जाए।
तकनीकी और डिजिटल उपकरणों का प्रयोग:
शिक्षकों ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल उपकरणों और तकनीकी साधनों का उपयोग शिक्षण को रोचक और सरल बना सकता है। इससे बच्चे सक्रिय रूप से शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेंगे और अधिगम की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाएंगे।
अध्यक्ष का वक्तव्य और संगठन की अपील:-
सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष किशोर पुरोहित ने कहा कि शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने और स्कूलों में आवश्यक पदों की नियुक्ति से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने मांग की कि भविष्य के शिक्षक सम्मेलनों में सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य की जाए, ताकि शिक्षकों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़े।
हिमांशु दाधीच, राधा कृष्ण गहलोत, लक्ष्मी नारायण ओझा, गिरिराज दाधीच, मारकंडे पुरोहित, शैलेंद्र सुथार, और अनिल जोशी सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी सम्मेलन में उपस्थित रहे और शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया।
सम्मेलन ने यह स्पष्ट किया कि वरिष्ठ पुस्तकालय अध्यक्ष और शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षा के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। साथ ही, शैक्षणिक नवाचारों पर जोर देकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि अधिगम प्रक्रिया बोझिल न हो और छात्र अधिक उत्साह के साथ अध्ययन में भाग लें। संगठन ने सरकार से इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की अपील की, ताकि शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी और परिणामदायक बनाया जा सके।