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बीकानेर, जिला स्तरीय निर्णय लेखन कार्यशाला गुरूवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित हुई। कार्यशाला का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यशाला में जिले के उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार मौजूद रहे।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा ने कहा कि राजस्व अधिकारियों को लोक दायित्व निर्वहन में अपनी बेहतरीन कार्यक्षमता, अनुभव एवं प्रभावी योजना को आधार बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उपखंड अधिकारी राजस्व क्षेत्र की अहम एवं सशक्त कड़ी है। उन्हें लोकहित एवं राजहित को ध्यान में रखते हुए न्यायिक कार्यों को पूर्ण सजगता, विधिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए निष्पादित करना चाहिए। संभागीय आयुक्त ने अधिकारियों को राजस्व रिकॉर्ड अद्यतन करने पर ध्यान देने पर भी जोर दिया और कहा कि इससे सार्वजनिक क्षेत्र, राजकीय विद्यालय, आंगनबाड़ी चिकित्सालय या अन्य राजकीय भवनों के उपयोगार्थ भूमि आवंटन की स्थिति में किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मेहरा ने कहा कि उपखंड अधिकारी के स्तर पर दिए जाने वाले निर्णय अति महत्वपूर्ण हैं, उन्हें अपने बेहतरीन अनुभव, विधिक आधार, न्यायिक प्रक्रियाओं एवं व्यावहारिकता आदि तथ्यों को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण, विधिसम्मत एवं विवेचनापूर्ण निर्णय लेखन पर ध्यान देना चाहिए।
अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए. एच. गौरी ने कहा कि राजस्व मण्डल के निर्देशानुसार इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिससे सभी तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारियों को राजस्व निर्णय लेखन की बारीकियां सीखने का अवसर मिलेगा।
राजस्व अपील अधिकारी रामस्वरूप चौहान ने निर्णय लेने के आवश्यक तत्वों के बारे में विस्तार से बताया। राजस्व अपील अधिकारी ने कहा कि अपील दर्ज करने के समय प्रार्थना पत्र सीपीसी की धारा 96 के अन्तर्गत संक्षिप्त तथ्य अपील के साथ प्रस्तुत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अपील स्वीकार व अस्वीकार होने का कारण प्रकरण के समस्त पहलूओं को दृष्टिगत करते हुए किया जाना चाहिए। स्वागत उद्बोधन अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बी आर धोजक ने किया। वरिष्ठ अधिवक्ता सतपाल सिंह शेखावत ने भी विचार रखे। उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार बिश्नोई ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।
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