बीकानेर, 29 सितंबर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सप्तम राष्ट्रीय पोषण माह का जिला स्तरीय समापन समारोह रविवार को रवींद्र रंगमंच पर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत बीकानेर (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी और श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचन्द सारस्वत ने दीप प्रज्वलन के साथ की। अतिथियों ने महिला एवं बाल विकास विभाग की व्यंजन प्रदर्शनी एवं आंगनबाड़ी सेवाओं, महिला अधिकारिता विभाग द्वारा राकेट लर्निंग के मिशन निर्माण सहित अन्य विभागों द्वारा लगाई गई स्टॉल्स का अवलोकन किया। विभिन्न पौष्टिक पकवानों व मल्टीग्रेन केक, बाजरे की रोटी, स्थानीय दालों से निर्मित स्वादिष्ट व्यंजनों की स्टॉल्स को अतिथियों ने सराहा। इस दौरान अतिथियों द्वारा गर्भवती महिलाओं की गोद भराई तथा बच्चों का अन्नप्राशन करवाया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों तीन से छह वर्ष तक के शाला पूर्व शिक्षा में पंजीकृत बच्चों ने बम-बम बोले पर नृत्य, फैन्सी ड्रेस, लाल टमाटर बड़े मजेदार कविताओं की प्रस्तुति जैसी आदि मनमोहक प्रस्तुतियां दी। पोषण माह के दौरान जिले की समस्त परियोजनाओं द्वारा 1 से 30 सितम्बर तक थीम अनुसार विभिन्न कार्यक्रम करवाकर केंद्र सरकार की डेशबोर्ड पोर्टल पर रिकार्ड एन्ट्री दर्ज की।
इस अवसर पर विधायक सुश्री सिद्धी कुमारी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहयोगी बताया और कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय पोषण माह जैसे सतत कार्यक्रमों के बेहतर परिणाम आएंगे।
विधायक श्री ताराचंद सारस्वत ने कहा कि महिलाओं के पोषण विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेहतरीन कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। नए भारत के निर्माण में आंगनबाड़ी केन्द्रों व महिला कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की।
महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक श्री सुभाष बिश्नोई ने पोषण माह आयोजन के उद्देश्यों तथा पोषण माह के दौरान आयोजित गतिविधियो के बारे में बताया।
पोषण माह एवं विभागीय गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य और सहयोग करने वाले मानदेयकर्मियों, कार्मिकों तथा जनप्रतिनिधियों को अतिथिगणों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
बाल विकास परियोजना अधिकारी (बीकानेर शहर) श्री शक्ति सिंह कच्छावा ने आभार जताया। कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक डॉ. अनुराधा सक्सेना, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोड़ा सहित जिले के समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, महिला पर्यवेक्षक, विभागीय कार्मिक, महिला सरपंच, भामाशाह तथा बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आमजन ने भागीदारी निभाई।