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बीकानेर,जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के नवाचार ‘डिजिटल इनिशिएटिव फाॅर डिजिटल एजुकेशन’ (डीआइक्यूई) का गत शैक्षणिक सत्र में जिले के लगभग सवा लाख स्कूली विद्यार्थियों को लाभ मिला। जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के 965 स्कूलों, मदरसों और छात्रावासों में पढ़ने वाले इन विद्यार्थियों का सिलेबस अध्यापकों की कमी के बावजूद डिजिटल माध्यम से पूरा हो सका।
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में एकल शिक्षक अथवा कम शिक्षकों वाले विद्यालयों का चिन्हीकरण करते हुए गत शैक्षणिक सत्र के अक्टूबर में स्मार्ट टीवी और हार्ड डिस्क देने का अभियान ‘डीआईक्यूई’ प्रारम्भ किया गया। स्मार्ट टीवी जिले के विभिनन भामाशाहों के माध्यम से उपलब्ध करवाए गए। इन स्मार्ट टीवी के माध्यम से अप्रैल तक 1 लाख 54 हजार 882 घंटे अध्ययन करवाया जा चुका है। इन हाॅर्ड डिस्क और बाद में दिए गए सेट टाॅप बाॅक्स में कक्षावार सिलेबस उपलब्ध करवाया गया। इससे शिक्षकों की कमी के बावजूद इन स्कूलों में अध्यापन करवाया जा सका।
जिला कलक्टर ने बताया कि इन स्मार्ट टीवी के माध्यम से नवंबर में 29 हजार 610, दिसम्बर में 12 हजार 739, जनवरी में 27 हजार 757, फरवरी में 31 हजार 787, मार्च में 30 हजार 560 तथा अप्रैल में 22 हजार 429 घंटे अध्ययन करवाया गया। इन स्मार्ट टीवी के माध्यम से पढ़ाई करवाए जाने से विद्यार्थियों की उपस्थिति में प्रति माह औसत 7 से 10.5 प्रतिशत तक इजाफा हुआ। उन्होंने बताया कि प्रतिमाह अध्यापन की माॅनिटरिंग की गई।
जिला कलक्टर ने बताया कि अब तक भामाशाहों के सहयोग से जिले के 913 स्कूलों, 27 मदरसों और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के 25 छात्रावासों में यह स्मार्ट टीवी उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। इन सभी स्कूलों के एक कक्ष को ‘स्मार्ट कक्ष’ के रूप में चिन्हित किया गया तथा स्मार्ट टीवी के माध्यम से अध्यापन की सुविधा इसी कक्ष में करवाई गई। स्मार्ट टीवी के माध्यम से पढ़ाई करने का यह तरीके छोटे बच्चों के लिए विशेष रुचिकर रहा।
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में अनेक विद्यालय विद्युत कनेक्शन से वंचित थे। जहां इन स्मार्ट टीवी के माध्यम से अध्ययन करवाया जाना संभव नहीं था। इसके मद्देनजर जिले के 150 विद्यालयों में भामाशाहों की मदद से विद्युत कनेक्शन भी उपलब्ध करवाए गए हैं। विद्युत कनेक्शन के लिए भी जिले के भामाशाहों द्वारा लगभग 2.25 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए हैं। जिला कलक्टर ने बताया कि निकट भविष्य में इन प्रयासों के बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।

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