बीकानेर,जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत शत-प्रतिशत असाक्षरों तक बुनियादी शिक्षा, साक्षरता एवं संख्यात्मकता के साथ क्रिटिकल जीवन कौशल एवं व्यावसायिक कौशल विकास की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
जिला कलक्टर ने सोमवार को नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चल रहे इस कार्यक्रम के तहत इस वर्ष जिले के 16 हजार 800 असाक्षरों को बुनियादी शिक्षा के साथ डिजिटल शिक्षा और क्रिटिकल जीवन कौशल से जोड़ना है। इसके तहत प्रभावी कार्ययोजना बनाते हुए कार्य करें। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत 15 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करना। बुनियादी साक्षरता जारी रखते हुए नवासाक्षरों को औपचारिक शिक्षा से जोड़ना, आय अर्जन एवं जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
जिला कलक्टर ने कहा कि इसके लिए वालेंटियर टीचर्स का चिन्हीकरण किया जाए तथा प्रत्येक गांव में नवभारत साक्षरता केन्द्र स्थापित किए जाएं। इन केन्द्रों में कार्यक्रम से संबंधित गतिविधियों का संचालन हो। उन्होंने कहा कि वालेंटियर टीचर्स के लिए कक्षा पांच एवं इससे ऊपर के स्कूली विद्यार्थी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिन, नेहरु युवा केन्द्र, एनसीसी-एनएसस, स्काउट गाइड आदि का चयन किया जाए। उन्होंने इसमें विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इन संस्थाओं द्वारा पंचायत समिति वार वातावरण निर्माण का कार्य किया जाए।
इस दौरान उन्होंने असाक्षरों का चिन्हीकरण, सर्वे, स्वयंसेवकों का चिन्हीकरण, असाक्षरों एवं स्वयंसेवकों का पंजीकरण, वालेटिंयर्स प्रशिक्षण, समुदाय की भागीदारी और विभिन्न विभागों के साथ समन्वय की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वालेंटियर टीचर द्वारा दस-दस असाक्षरों को शिक्षित किया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश, जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी हेतराम सारण, सहायक परियोजना अधिकारी महेन्द्र सिंह शेखावत, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधन एलएलएम पुरोहित, मुक्ति संस्थान के सचिव राजेन्द्र जोशी, चाइल्ड हैल्पलाइन के चेनाराम सहित शिक्षा विभाग, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।