बीकानेर,जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने मंगलवार को बेनीसर में नाबार्ड के आजीविका व उद्यम विकास कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूह के लिए मसाला उत्पादन इकाई का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनें। उनके कौशल और दक्षता का सकारात्मक उपयोग हो सके, इसके मद्देनजर नाबार्ड के माध्यम से राजीविका के महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि बेनीसर की 150 महिलाओं को मसाला तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है तथा इकाई स्थापित की गई है। इस पर नाबार्ड द्वारा लगभग 9 लाख रूपये का सहयोग दिया गया है।उन्होंने महिलाओं को पूर्ण गंभीरता से प्रशिक्षण लेने का आह्वान किया तथा कहा कि इस ज्ञान का उपयोग व्यावहारिक जीवन में करें।
जिला कलक्टर ने कहा कि नाबार्ड द्वारा पूर्व में लूणकरणसर में सेनेटरी नेपकिन पैड बनाने की यूनिट स्थापित की गई है। इस इकाई द्वारा तैयार पैड अच्छी गुणवत्ता के हैं तथा इन्हें राज्य सरकार की उड़ान योजना के तहत वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही सहजन फली के पाउडर की पैकेजिंग यूनिट लगाई जाएगी। इस पहले उन्होंने मसाला उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया तथा मशीनरी संचालन के बारे में जाना।
उपखण्ड अधिकारी डॉ. दिव्या चौधरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित करें तथा प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने बेटियों को पढ़ाने का आह्वान किया।
नाबार्ड के डीडीएम रमेश तांबिया ने प्रशिक्षण की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आजीविका व उद्यम विकास कार्यक्रम प्रभावी साबित हो रहा है।
राजीविका के जिला विकास प्रबंधक राजेन्द्र प्रसाद बिश्नोई ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस दौरान विकास अधिकारी रामचंद्र जाट सहित प्रशिक्षु महिलाएं मौजूद रही। इस दौरान जिला कलक्टर ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी तथा इनके निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।