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बीकानेर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र श्रीडूंगरगढ़ पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारी (स्त्री रोग) डॉ प्रीति अग्रवाल को अलग पर्ची पर बाहर की दवा लिखने के आरोप में जिला कलेक्टर द्वारा आरोप पत्र थमा दिया गया है। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल द्वारा राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 17 सी सी ए के अंतर्गत अनुशासनिक जांच हेतु डॉ प्रीति अग्रवाल को आरोप पत्र दिया गया है। इस संदर्भ में उन्हें अपने पक्ष में लिखित कथन 15 दिवस के अंदर देना होगा अन्यथा उन पर एक तरफा विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। उक्त आरोप पत्र मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्फत डॉ अग्रवाल को भिजवा दिया गया है। सीएमएचओ डॉ बी एल मीणा ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर दिनांक 29 मार्च को ड्रग इंस्पेक्टर लोकेश सिंह को साथ लेकर सीएचसी श्रीडूंगरगढ़ पर पर्चियों की जांच के दौरान पाया गया कि डॉ प्रीति अग्रवाल द्वारा ओपीडी के दौरान मरीजों को अलग छोटी पर्ची में बाहर की ब्रांडेड दवाएं लिखी गई जबकि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में उपलब्ध जेनेरिक दवाइयों के ही लिखे जाने के स्पष्ट निर्देश हैं। ड्रग इंस्पेक्टर के साथ अस्पताल के आस-पास की दुकानों का निरिक्षण भी किया गया जहां डॉ अग्रवाल द्वारा ब्रांडेड दवा की पर्चियां लिखना पाया गया। इससे पूर्व भी शिकायत होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी द्वारा डॉ अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसका प्रत्युत्तर भी प्रस्तुत नहीं किया गया था। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर द्वारा प्रत्येक बैठक में यह स्पष्ट किया गया है मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना जैसी राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में आदेशो की अवहेलना या लापरवाही को किंचित भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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