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बीकानेर। जिला प्रशासन द्वारा हिन्दू तीज त्यौहारों के अवसर पर शहर में धारा 144 लागू किये जाने के फलस्वरूप पूरे शहर में विरोध प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। प्रशासन के एक तरफा और अनायास निर्णय पर आश्चर्य प्रकट करते हुए अनेकों हिन्दू संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता मे बाधा और हस्तक्षेप बताया है।

भारतीय जनता पार्टी शहर जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने बुधवार को इस विषय पर जिला कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।

जिलाध्य्क्ष सिंह ने कहा कि 2 अप्रैल, चैत्र प्रतिपदा भारतीय संस्कृति का अत्यधिक महत्वपूर्ण दिन है, सृष्टि की रचना, भगवान राम का राज्याभिषेक, नवरात्रि का शुभारम्भ, भगवान चेटीचंड की जयंती, ऋषि गौतम की जयंती, आर्य समाज की स्थापना, सिख गुरु अंगद के अवतरण दिवस समेत अनेक राज्यो महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, दक्षिण में उगादी , असम में बीहू आदि पर्व इस दिन मनाए जाते है। बीकानेर में भी वर्षो से गणगौर उत्सव, शोभा यात्रा आदि कार्यक्रम आपसी सौहार्द को ध्यान में रखकर मनाए जाते है और इन आयोजनों में सभी समुदाय बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते रहे है। जिला प्रशासन ने अनायास धारा 144 लगाकर आमजन की खुशियों में खलल पैदा की है जिस पर पुनर्विचार करना चाहिए।

वरिष्ठ नेता डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य और जिला महामंत्री मोहन सुराणा ने धारा 144 लगाए जाने का औचित्य जानना चाहा।

भाजपा नेता महावीर रांका व भगवान सिंह मेड़तिया ने प्रशासन के इस प्रकार के रवैये को जनहित के अनुरूप नहीं बताया।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुमताज़ अली भाटी ने कहा कि बीकानेर में सामाजिक सौहार्द और शांति है फिर धारा 144 व धार्मिक गतिविधियों में प्रशासनिक हस्तक्षेप किस लिए किया गया है ।

जिला उपाध्यक्ष गोकुल जोशी व अशोक प्रजापत ने भी जिला कलेक्टर से आमजन के हित मे बीकानेर में धारा 144 को वापस लेने का आग्रह किया।

इस अवसर पर युवा मोर्चा अध्यक्ष वेद व्यास, जिला मंत्री कौशल शर्मा, पार्षद संजय गुप्ता, जितेंद्र भाटी, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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