जयपुर मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बावजूद विधायकों में असंतोष थमने की बजाए और बढ़ गया है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन में अपनी उपेक्षा से नाराज एक दर्जन विधायकों ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि दलित वर्ग से 9 मंत्री बनाए जाने के बावजूद वरिष्ठ दलित विधायकों ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है और अपनी अनदेखी के आरोप लगाए हैं। विधायकों में बढ़ती नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। अपनी उपेक्षा से नाराज कई वरिष्ठ दलित विधायक तो शपथ ग्रहण समारोह में भी
नहीं पहुंचे थे। वहीं उदयपुर के खैरवाड़ा से वरिष्ठ दलित विधायक दयाराम परमार ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की और साथ ही यह भी कहा कि मंत्री बनने के लिए कौन सी योग्यताएं होती है उसके बारे में बताया जाए।
वरिष्ठ दलित विधायकों •ने जताई नाराजगी
इधर ममता भूपेश, टीकाराम जूली, भजन •.लाल जाटव और गोविंद मेघवाल को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने को लेकर दलितों के एक वर्ग में ही नाराजगी बढ़ी है। दलित र वर्ग से आने वाले वरिष्ठ विधायक परसराम मोरदिया, दयाराम परमार, मंजू मेघवाल और 4 खिलाड़ी बैरवा ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात करके भी अपनी नाराजगी ड जाहिर की। विधायक जौहरी लाल मीणा ने तो खुलेआम कैबिनेट मंत्री बनाए गए 2 टीकाराम जूली पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं।
वरिष्ठ दलित विधायकों की अनदेखी ने पकड़ा तूल
बसपा से कांग्रेस में आए 5 विधायकों ने भी खुलकर जताई नाराजगी,बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों में भी बढ़ी नाराजगी
बसपा से कांग्रेस में आए राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राज्य मंत्री बनाए जाने से बसपा के 5 विधायकों में नाराजगी बढ़ गई है। देर रात बसपा से कांग्रेस में आए वाजिब अली, जोगिंदर अवाना, लाखन सिंह मीणा संदीप यादव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष अपनी नाराजगी जाहिर की थी। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कह चुके हैं कि बसपा निर्दलीय विधायकों ने सरकार बचाई थी ऐसे में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।
नाराजगी पड़ सकती है भारी
सूत्रों की माने तो विधायकों में जितनी नाराजगी मंत्रिमंडल पुनर्गठन से पहले नहीं थी उससे कहीं अधिक नाराजगी अब पुनर्गठन के बाद देखने को मिल रही है, जिसके बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार के लिए फिर से परेशानी खड़ी सकती है। कई और विधायक भी अपनी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं। ऐसे में पार्टी और सरकार के सामने अपने विधायकों की नाराजगी दूर करना एक बड़ी चुनौती होगी।
बसपा के 5 विधायकों को बनाया जा सकता संसदीय सचिव
बताया जाता है कि बसपा से कांग्रेस में 5 विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें संसदीय सचिव बनाया जा सकता है, विश्व सूत्रों ने भी संकेत दिए हैं। गौरतलब है कि दलित वर्ग के वरिष्ठ विधायक परसराम मोरदिया, दयाराम परमार, मंजू मेघवाल और खिलाड़ी लाल बैरवा को प्रबल दावेदार माना जा रहा था।