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बीकानेर, राजस्थान मिशन 2030 के तहत कृषि विभाग द्वारा बुधवार को कृषि भवन स्थित आत्मा सभागार विभाग में हितधारकों के साथ परामर्श एवं संवाद गतिविधियां आयोजित की गई।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि कृषि क्षेत्र के लिये विभिन्न योजनाओं के निर्धारण एवं मापदण्डों की रूपरेखा बताई। कार्यक्रम में कृषि आयुक्तालय से संयुक्त निदेशक सांख्यिकी मदन ने नोडल अधिकारी के रूप में भाग लिया।
कृषि विभाग के हितधारक संवाद में कृषि, पशुपालन, आत्मा, उद्यान, कृषि विपणन, सहकारिता, सिचिंत क्षेत्र विकास इंगानप विभाग के अधिकारीगण, प्रगतिशील किसान, कृषि विश्वविद्यालय व अनुसंधान संस्थान, राजूवास, कृषि विज्ञान केन्द्र, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से सम्बद्ध संस्थान (सीआईएएच, सीएसडब्लूआरआई, एनआरसीसी, काजरी), नाबार्ड के विशेषज्ञ, स्वयंसेवी/स्वैच्छिक संगठनों एवं अन्य संगठनों/फेडरेशनों के प्रतिनिधि आदि कार्यक्रम में सहभागी के रूप में भाग लिया।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि कृषि के चहुंमुखी विकास एवं वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्यों में विकसित राजस्थान बनाने के उद्देश्य से हितधारको से प्राप्त सुझावों को सम्मिलित करते हुए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
इस दौरान प्रसार शिक्षा कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. सुभाषचंद्र, अनुसंधान कृषि निदेशक डॉ. पी. एस. शेखावत, अध्यक्ष काजरी नवरतन पंवार, अध्यक्ष सीएसडब्ल्यू आरआई डॉ. आर. ए. लेघा, नाबार्ड प्रबंधक रमेश तांबिया, डॉ मदन लाल रेगर कृवीके, डॉ केशव मेहरा, डॉ एस आर मीणा, उद्यानिकी हर लाल सिंह, उपनिदेशक कृषि सिक्षेंवि डॉ राम किशोर मेहरा, भैराराम गोदारा, रघुवर दयाल, अमर सिंह, सुभाष विश्नोई, राजूराम डोगीवाल, मीनाक्षी, महेंद्र, प्रदीप, ममता, डॉ. मानाराम, कन्हैयालाल सहित कृषक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।

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